2010-12-11 20:41:01

संत बनाये जाने के लिये संत पापा की आज्ञप्ति


वाटिकन सिटी, 11 दिसंबर, 2010 (सीएनए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 11 काथलिकों के संत बनाये जाने संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है।
संत पापा ने इस बात की घोषणा उस समय कीं जब उन्होंने 10 दिसंबर 2010 को संत प्रकरण संबधी परमधर्मीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल अन्येलो अमातो से मुलाक़ात की।
सीएनए के अनुसार काथलिक कलीसिया के अगले नये संत धन्य गुइदो मारिया कोन्फोरती होंगे जिन्होंने एक धर्माध्यक्ष के रूप में कलीसिया की सेवा की और बाद में एक मिशनरी धर्मसंघ ‘पायस सोसायटी ऑफ फ्रांसिस जेवियर फॉर फोरेन मिशन्स’ की स्थापना की। उनकी मृत्यु सन् 1931 ईस्वी में हो गयी।
संत पापा ने धन्य गुइदो मारिया कोनफोरती की मध्यस्थता से हुए एक चमत्कार को स्वीकर कर लिया। विदित हो कि संत बनाये जाने के लिये दो चमत्कारों की आवश्यकता पड़ती है।
धन्य गुईदो का धर्मसमाज एशिया अफ्रीका यूरोप और अमेरिका में कार्यरत है। धन्य गुईदो कोनफोरती की मध्यस्थता से बुरुन्डी में 12 वर्षीय कामरिजा को अग्नाशय के कैंसर से चंगाई मिली थी।
विदित हो कि संत पापा जोन पौल द्वितीय ने सन् 1996 में उन्हें धन्य घोषित किया था।
विदित हो कि संत बनाये जाना एक लम्बी प्रक्रिया है जिसमें संत बनाये जाने वाले व्यक्ति के धर्मप्रांत में संत बनाये जाने की प्रक्रिया शुरु होती है और व्यक्ति के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती ताकि पता चले कि उसका जीवन ख्रीस्तीय आदर्श के अनुरूप अनुकरणीय रहा।
उसके बाद व्यक्ति को " पूजनीय " घोषित किया जाता है। बाद में उसके मध्यस्थता से होने वाले पहले चमत्कार पर " धन्य " होने की घोषणा और दूसरे चमत्कार पर उसे संत बना दिया जाता है।




























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