नई दिल्लीः कलीसियाई नेताओं ने प्रवेश नीति का किया विरोध
भारत के ख्रीस्तीय नेताओं ने, नर्सरी शिक्षा की कक्षाओं में प्रवेश हेतु देहली सरकार
द्वारा लागू नये निकाय का विरोध किया है।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
के प्रवक्ता फादर बाबू जोसफ ने कहा, "नया निकाय अभिभावकों एवं स्कूली व्यवस्था एवं प्रबन्ध
पर अनावश्यक दबाव डालेगा।"
देहली सरकार ने नर्सरी शिक्षा की कक्षाओं में प्रवेश
हेतु लॉटरी योजना का सुझाव दिया है। इस नये निकाय के तहत सभी प्रवेश पत्रों को एक डिब्बे
में डालकर लॉटरी निकाली जायेगी।
फादर बाबू जोसफ ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित
योजना विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिये अनुकूल नहीं है तथा दूरगामी नहीं है।
भारतीय
काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की शिक्षा एवं संस्कृति समिति के अध्यक्ष फादर कूरियाला
चिट्टाटूकलाम ने स्पष्ट किया कि कलीसिया द्वारा संचालित स्कूलों में लॉटरी योजना स्वीकार्य
नहीं हो सकती क्योंकि कलीसियाई संचालित स्कूल यह जानना चाहते हैं कि वे किस बच्चे को
अपने स्कूल में प्रवेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कलीसियाई स्कूल अपने लोकाचार को कायम
रखना चाहते हैं इसलिये बच्चे एवं उसके परिवार को जाने बग़ैर वे प्रवेश नहीं दे सकते।
नर्सरी शिक्षा की कक्षाओं में प्रवेश हेतु पुराने निकाय के तहत पूर्व विद्यार्थियों
के बच्चों तथा स्कूल के आस पड़ोस में रहनेवाले बच्चों को वरियता दी जाती थी। फादर बाबू
जोसफ ने कहा कि प्रवेश सम्बन्धी पुराना निकाय सभी के अनुकूल था इसलिये इसे बदलने का कोई
कारण नहीं नज़र आता।