2010-12-09 20:53:29

नन रेप केस की कार्यवाही रुकने के लिये सरकार ज़िम्मेदार


भुवनेश्वर, 9 दिसंबर, 2010 (उकान) चर्च के नेताओं और कार्यकर्त्ताओं ने उड़ीसा नन रेप केस के अप्रत्याशित रूप से रोक दिये जाने के लिये उड़ीसा सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है।
अभियोगपक्ष के वकीलों ने अचानक 7 दिसंबर को अपने कार्यों का बहिष्कार यह कहते हुए कर दिया कि सरकार ने उन्हें उचित फीस नहीं चुकाया है और उन्होंने अदालत से कहा है कि अपने कार्यों पर तब तक नहीं लौटेंगे जब तक कि सरकार उनकी बकाया राशि नहीं चुका देती है।
संग्राम साहू ने कहा कि उन्हें सिर्फ़ दो महीने की फीस मिली है और तीन महीने की फीस बकाया है। साहू ने कहा कि उन्होंने इस ‘सनसनीखेज़ मामले’ को इसके बावजूद स्वीकार किया था जब सरकार ने उनके द्वारा माँग की गयी राशि से बहुत कम पर देने को राजी थी।
पर सरकार उसे राशि को भी देने से आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा जब सरकार उनसे लिखित रूप से राशि देने का वादा करेगी तब ही काम आगे बढ़ाया जा सकेगा। रोबिन साहू नामक एक स्थानीय नेता ने कहा कि वकीलों के अदालत की कार्यवाही के बहिष्कार सरकार का दंगे पीड़ितों के प्रति निष्ठुरता का परिचायक है।"
भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफाएल चीनथ ने कहा कि न्याय प्रक्रिया का अचानक रुक जाना इस बात को दिखाता है कि सरकार को ईसाई विरोधी हिंसा से पीड़ितो के न्याय के प्रति कोई रुचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर इतनी चर्चित मामले के संबंध में सरकार का यह रवैया है तो अन्य छोटे मामलों के पीड़ितों के संबंध में हो रहे निष्क्रियता का हम सहज ही अंदाज़ा लगा सकते हैं। सिस्टर जस्टिन सेनापति ने कहा है कि नन रेप केस के साथ जो कुछ हो रहा है वह ‘शर्मनाक’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है।










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