मरिया के निष्कलंक गर्भागमन महोत्सव पर आयोजित विशेष देवदूत प्रार्थनासभा में संत
पापा का संदेश
वाटिकन सिटी, 8 दिसंबर, 2010 (सेदोक, वीआर) कुँवारी माता मरिया के निष्कलंक गर्भागमन
के महोत्सव के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में आयोजित विशेष देवदूत प्रार्थना
में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा,
मेरे
अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की देवदूत प्रार्थना में विशेष रूप माता मरिया के निष्कलंक
गर्भागमन पर्व पर अपना ध्यान केन्द्रित करें।
आज की पूजन विधि के अनुसार सुसमाचार
में संत लूकस के जिस पाठ को लिया गया है उसमें माता मरिया और गाब्रिएल दूत के वार्तालाप
की चर्चा है।
इसमें गाब्रिएल दूत माता मरिया को ईश्वर का संदेश सुनाते हुए कहते
हैं, " प्रणाम प्रभु की कृपापात्री, प्रभु तुम्हारे साथ है।"
गाब्रिएल दूत
के इस अभिवादन में माता मरिया के विशाल व्यक्तित्व के बारे में पता चलता है। माता मरिया
के नाम को स्वर्गदूत ने ‘कृपाओं से परिपूर्ण’ कह कर संबोधित किया।
गाब्रिएल दूत
के इस अभिवादन से हम बचपन से ही अवगत है क्यों कि जब भी हम ‘दूत के प्रणाम’ की विन्ती
बोलते हैं तो हम उन्हीं शब्दों को उच्चरित करते हैं। दूत के उन दिव्य शब्दों में ही मरिया
के निष्कलंक गर्भागमन पर्व के रहस्य को समझाया गया है।
सच में माता मरिया अपने
अपने गर्भागमन से ही निष्कलंक रहीं। ईश्वर ने दुनिया को बचाने की अपनी विशेष योजना के
तहत् उन्हें मानव बने ईशपुत्र येसु की माँ बनने के लिये विशेष रूप से चुना।
इसीलिये
उन्होंन माता मरिया को आदि पाप से मुक्त रखा। और इसीलिये ‘प्रभु की कृपापात्री’ का शाब्दिक
अर्थ है " ईश्वर के प्रेम और कृपा में हमेशा परिपूर्ण होना।" माता मरिया का निष्कलंक
गर्भागमन हमारे लिये आंतरिक प्रकाश, आशा और सांत्वना का श्रोत है, विशेष करके ऐसे समय
में जब मानव अपने जीवन में चुनौतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करता है।
माता
मरिया ईश्वर की माँ हमें यही बताती हैं कि पापों से बड़ा है ईश्वरीय वरदान। दुनिया की
बुराइयों से बड़ा है ईश्वर का कृपा।
ईश्वरीय दया में बुराई को अच्छाई में बदल
डालने की शक्ति है। यह हमारा दुर्भाग्य है कि हम प्रत्येक दिन आपसी संबंधों और अन्य घटनाओं
विभिन्न बुराइयों का अनुभव करते हैं जिसकी जड़ है मानव ह्रदय जो आहत और बीमार है और अपने
आप चंगा नहीं हो सकता है।
बाईबल हमें इस बात को बताता है कि ईश्वर की आज्ञा का
उल्लंघन ही सभी बुराइयों की जड़ है और यह मानव अपनी स्वतंत्रता के कारण बुराई के प्रलोभन
में फँस जाता है और मृत्यु का शिकार होता है।
लेकिन ईश्वर ने अपनी मुक्ति योजना
के तहत् मानव के लिये मेल-मिलाप और एक नया विधान तैयार किया और अपने पुत्र येसु को भेजा
जिन्होंने कुँवारी मरियम से जन्म लिया और हमारे पापों के प्रायशिचत अपने लोहू बहाया।
कुँवारी
माता मरिया ने येसु को अपने गर्भ में धारण किया और उन्हें हर प्रकार के पापों से बचाये
रखा। अपने निष्कलंक ह्रदय से कुँवारी माँ मरिया हमें बतातीं हैं कि हम येसु पर भरोसा
रखें, वहीं हमारा मुक्तिदाता है।
संत पापा ने कहा कि आज के दिन में अपनी परंपरा
को बरकरार रखते हुए रोम स्थित स्पानिया के प्राँगण में अवस्थित निष्कलंक कुँवारी मरियम
की प्रतिमा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
माता मरिया की ऐसी भक्ति के साथ
ही हम कलीसिया और विश्व की सभी ज़रूरतों को हम उनके चरणों में रख दें और हम माँ मरिया
की मध्यस्थता से प्रार्थना करें ताकि हमारा विश्वास मजबूत हो, हम उनके शब्दों में विश्वास
कर सकें और सभी बुराइयों का त्याग कर अच्छाइयों को गले लगा सकें।
इतना कहकर संत
पापा ने अपना संदेश समाप्त किया और पोंतिफिकल अकाडेमी ऑफ इम्माकुलेट, इटालियन कैथोलिक
ऐक्शन के सदस्यों और तमाम उपस्थिति लोगों तीर्थयात्रियों और विश्वासियों को माता मरिया
के सुरक्षा में सौंपते हुए सबों को प्रेम और शांति का अपना आशीर्वाद दिया।