वाटिकन सिटीः देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश
श्रोताओ, रविवार पाँच दिसम्बर को सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में तीर्थयात्रियों
के साथ देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भक्त समुदाय
को इस प्रकार सम्बोधित कियाः
“अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
सन्त मत्ती
रचित सुसमाचार के तीसरे अध्याय के, 1 से लेकर 12 तक के पद, आगमन काल के दूसरे इतवार के
लिये निर्धारित पाठ है जो हमारे समक्ष सन्त योहन बपतिस्ता को प्रस्तुत करते हैं। सन्त
योहन बपतिस्ता जो नबी इसायाह की भविष्यवाणी के अनुकूल यहूदिया के उजाड़ प्रदेश में चले
गये थे तथा जिन्होंने उजाड़ प्रदेश से ही लोगों को मसीहा के आगमन की तैयारी हेतु मनपरिवर्तन
का उपदेश दिया था। सन्त ग्रेगोरी महान कहते हैं कि योहन बपतिस्ता ने यथार्थ विश्वास एवं
उदार कार्यों का प्रचार किया.... ताकि मनुष्य के अन्तरमन में प्रवेश करने वाली कृपा की
शक्ति से, सत्य का प्रकाश फैल जाये, ईश्वर तक जानेवाला मार्ग सीधा हो सके तथा भलाई तक
अग्रसर करनेवाले शब्दों के श्रवण से मनुष्यों के हृदयों में ईमानदार विचारों का जन्म
हो।"
आगमन काल के दौरान हम सब भी ईश्वर की वाणी को सुनने के लिये बुलाये जाते
हैं जो धर्मग्रन्थों के माध्यम से उजाड़ विश्व में प्रतिध्वनित होती रहती है, विशेष रूप
से, जब पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से उसका प्रचार प्रसार किया जाता है। वस्तुतः, विश्वास,
उतना ही मज़बूत होता है जितना वह ईश्वरीय वचन से आलोकित किया जाता है, जैसा कि रोमियों
को प्रेषित पत्र में सन्त पौल स्मरण दिलाते हैं, "धर्मग्रन्थ में जो कुछ पहले लिखा गया
था, वह हमारी शिक्षा के लिये लिखा गया था, जिससे हमें उससे धैर्य तथा सान्तवना मिलती
रहे और इस प्रकार हम अपनी आशा को बनायें रखें।"
सन्त पापा ने कहा, "श्रवण की
आदर्श हैं पवित्र कुँवारी मरियमः "जिनका सम्पूर्ण अस्तित्व शब्द से संरचित हुआ उन ईशमाता
पर मनन कर हम यह खोज कर पाते हैं कि हम भी विश्वास के रहस्य में भागीदार बनने के लिये
आमंत्रित हैं, उस विश्वास के भागीदार जिसके द्वारा प्रभु येसु ख्रीस्त हमारे जीवन में
निवास करने आते हैं। सन्त एम्ब्रोज़ याद दिलाते हैं कि प्रत्येक ख्रीस्तीय जो विश्वास
करता है वह किसी न किसी प्रकार ईश्वर के वचन को अपने गर्भ में धारण करता तथा उसे जन्म
देता है।"
उन्होंने आगे कहाः .........."अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, जैसा
कि इताली जर्मन धर्मतत्त्व वैज्ञानिक रोमानो ग्वारदीनी ने लिखा है "हमारी मुक्ति एक
आगमन पर टिकी है"। "मुक्तिदाता –ईश्वर की स्वतंत्रता से आये....... इसलिये विश्वास आनेवाले
प्रभु के स्वागत में निहित है।" वे कहते हैं, "मुक्तिदाता प्रत्येक के पास आते हैं, वे
प्रत्येक के दुःख सुख में साथ होते हैं, वे मनुष्य की निश्चित्त्ताओं और उसकी आशंकाओं
एवं प्रलोभनों में उसके साथ होते हैं तथा मानव प्रकृति एवं मानव जीवन से सदैव जुड़े रहते
हैं।"
फिर उन्होंने माँ मरियम से इस तरह याचना कीः "जिन माता मरियम के निष्कलंक
गर्भागमन का हम बुधवार आठ दिसम्बर को पर्व मनाने वाले हैं उनसे हम प्रार्थना करें ताकि
वे हमारी इस आध्यात्मिक यात्रा में हमारे साथ रहें और हम विश्वास एवं प्रेम से परिपूर्ण
होकर प्रभु के आगमन का हार्दिक स्वागत कर सकें।"
इतना कहकर सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें ने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत
प्रार्थना का पाठ किया तथा सब पर प्रभु की शांति का आव्हान कर सबको अपना प्रेरितिक आर्शीवाद
प्रदान किया ----------------------------
देवदूत प्रार्थना के उपरान्त सन्त पापा
ने सभी पीड़ितों एवं विश्वास के कारण सताये जा रहे विश्व के लोगों के लिये प्रार्थना
की अपील कीः ............. "आगमन के इस काल में, जब प्रभु के आने की तैयारी करने तथा
उनका अपने बीच स्वागत करने के लिये हम आमंत्रित हैं, मैं आप सबको हिंसा, असहिष्णुता एवं
विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में हर प्रकार से उत्पीड़ित लोगों के लिये प्रार्थना की अपील
करता हूँ ताकि येसु का आगमन सबके लिये सान्तवना, पुनर्मिलन एवं शान्ति का समय सिद्ध हो।
मेरे विचार बहुत सी कठिन परिस्थितियों जैसे ईराक में ख्रीस्तीय एवं मुसलमानों पर आक्रमण,
मिस्र की संघर्षरत स्थिति जहाँ अनेक मारे गये तथा अन्य अनेक घायल हुए हैं, तस्करों एवं
अपराधियों द्वारा उत्पीड़ित लोगों जैसे एरित्रेया के बन्धक तथा सिनई की मरुभूमि में बन्धक
बनाये गये अन्य देशों के लोगों के प्रति अभिमुख हैं। मेरी मंगलकामना है कि सभी के अधिकारों
सम्मान किया जाये तथा सभी को शांतिपूर्ण नागर सहअस्तित्व का आश्वासन मिले। प्रभु से हमारी
प्रार्थना तथा हमारी एकात्मता उत्पीड़ितों के लिये आशा का स्रोत बन सकती है।"