रोम, 4 दिसंबर, 2010 (ज़ेनित) लूर्द की माँ मरिया को हवाई यात्राओं की संरक्षिका घोषित
करने के 90 वर्ष पूरा होने के अवसर पर 10 दिसंबर शुक्रवार को संत पापा रोम के लेओनार्दो
दि विंचीस फियुमीचीनो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में लोरेटो की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
उक्त बात जानकारी संत पापा ने उस समय दीं जब उन्होंने पौल षष्टम् सभागार में
आयोजित बुधवारीय आमदर्शन समारोह में तीर्थयात्रियों और विश्वासियों को संबोधित किया।
विदित हो कि लोरेटो की माता मरिया की प्रतिमा को प्रवासियों और यात्रियों के
लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष अन्तोनियो वेल्यो ने संत पापा
को भेंट की।
इस अवसर पर लोरेटो तीर्थास्थल के वाटिकन प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष
जियोवन्नी तोनुच्ची, पोर्तो सान्ता रूफिना के धर्माध्यक्ष जिनो रिअली और रोम हवाई अड्डा
के चैपलिन फादर जियोरजियो रित्सेएरी उपस्थित थे।
लोरेटो की मरिया की मूर्ति के
साथ एक ग्लोब के ऊपर तीन हवाई जहाजों को भी उड़ते गुए दिखाया गया है। माता मरिया कि इसी
प्रतिमा को रोम के हवाई अड्डे में स्थापित किया जायेगा।
प्राचीन परंपरा के अनुसार
यह विश्वास किया जाता है कि नाजरेथ में अवस्थित पवित्र परिवार को दूतों के द्वारा गलीली
से इटली लाया गया था।
नाजरेत के प्रभु येसु के आवास को हवाई मार्ग के द्वारा
लाये जाने की परंपरागत कहानी के आधार पर लोरेटो की माता मरिया को हवाई यात्रा के साथ
जोड़ा जाने लगा।
उधर ऐतिहासिक और पुरातत्व विभाग की खोज के अनुसार नाजरेत की
इस घर को आरंभ में दलमातिया में रखा गया था और बाद में सन् 1924 में इसे लोरेटो लाया
गया।
जब यह दलमातिया में था तब विश्वास किया जाता था कि इसकी मध्यस्थता द्वारा
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा होती थी।
बताया जाता है कि सन् 1921 ईस्वी में लोरेटो
की मूल प्रतिमा में आग लग जाने से बरबाद हो गयी पर एक दूसरी मूर्ति बनायी गयी और संत
पापा पीयुस नवें ने सन् 1924 में इसका अनावरण किया।