2010-12-03 19:48:52

‘बोम येसु बसिलिका’ ख़तरे में


गोवा, 3 दिसंबर, 2010 (उकान) गोवा में सड़क विस्तार योजना से 16वीं शताब्दी की ऐतिहासिक धरोहर ‘बोम जेसु बसिलिका’ की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है।
गोवा के ईसाई इस इस बात से परेशान हैं कि पुरातत्व विभाग, आरकेयोलिजकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) इस संबंध में चुप्पी साधी हुई है।
गोवा धर्मप्रांतीय अधिकारियों और ऐतिहासिक धरोहर को बचाये जाने में रुचि रखने वालों का कहना है कि एएसआई का यह दायित्व है कि वह बसिलिका की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी के लिये कदम उठाये।
सामाजिक न्याय और शांति के लिये बनी धर्मप्रांतीय समिति के संयोजक फादर मावेरिक फर्नान्डेज़ ने इस बात पर अपना आश्चर्य व्यक्त किया है कि एएसआई ने क्यों इस तरह से " रहस्यात्मक मौन " धारण कर लिया है।
उन्होंने बताया कि जब लोगों ने इस सरकारी योजना के विरोध में आवाज़ उठायी तब सरकार ने एक समिति बनायी और इसके जाँच के आदेश दिये।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि विचार करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत् अब वह 569 घरों के बदले 168 घरों तोड़े जायेंगे।
सरकार की बदली योजना के अनुसार सड़क का चौड़ीकरण 60 मीटर तक किया जायेग पर जहाँ लोगों की घनी आबादी है वहाँ सड़क की चौड़ाई सिर्फ़ 35 मीटर की होगी।
गोवा हेरिटेज़ ऐक्शन ग्रूप के प्रजल सखारदन्दे ने बताया कि एसीआई अधिकारियों का मानना है कि वे कानूनी रूप से इस संबंध में कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकारी अधिकारियों ने यूनेस्को द्वारा निर्धारित मापदंडों का भी नज़रअंदाज़ किया है।








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