2010-12-02 16:03:43

एच आई वी एडस से प्रभावित बच्चों के लिए नई आशा


भारत के महाराष्ट्र राज्य में नागपुर के एक स्लम में नागपुर काथलिक महाधर्मप्रांत की एक पहल से एच आई वी, एडस पीडि़त बच्चों को नई आशा मिल रही है। नागपुर में एक घरेलू कामगार ने कहा कि उनके बेटे और बहु की मृत्यु हो जाने के बाद उनपर दो बच्चों की देखरेख का जिम्मा था और वे आशा विहीन हो गयीं थीं। बच्चों के अभिभावक जो मजदूरी करते थे उनका एडस संबंधित बीमीरी के कारण चार साल पहले निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि कुछ ईसाई लोगों ने सन 2007 में एडस प्रभावित बच्चों की पहचान करने के लिए उनके स्लम का दौरा किया। वे तनाव से मुक्त हो गयीं क्योंकि उनके पोतों को चर्च की ओर से शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
नागपुर महाधर्मप्रांत का सोशल सर्विस सोसायटी एचआई वी एडस से पीडि़त बच्चों के लिए अनेक कार्यक्रम चलाता है। नागपुर में 27 नवम्बर को आयोजित समारोह में लगभग 50 बच्चों ने भाग लिया। उक्त महिला ने कहा कि चर्च के लोगों के सान्निध्य में उन्हे अपने घर जैसा महसूस होता है। सामाजिक कार्यकर्ता जसिन्ता मारकरेनहास कहती हैं कि इन बच्चों के लिए जीवन अनिश्चित है लेकिन आशा नहीं खोया है। हम इसी आशा को जीवित रखने के लिए सबकुछ करते हैं। UN AIDS की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नये, अधिक सटीक आंकलन के अनुसार लगभग 2.5 मिलियन लोग भारत में जीवन जी रहे हैं जिन्हें एचआईवी संक्रमित हैं।








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