कार्डिनल उरबानो नवरेत्ते की अंत्येष्टि धर्मविधि सम्पन्न
वाटिकन सिटी (सीएनएस) कलीसियाई कानून विशेषज्ञ और रोम स्थित परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन
विश्वविद्यालय के भूतपूर्व रेक्टर येसु समाजी कार्डिनल उरबानो नवरेत्ते का 90 वर्ष की
आयु में 22 नवम्बर को निधन हो गया। उनकी अंत्येष्टि ख्रीस्तयाग धर्मविधि 24 नवम्बर को
संत पेत्रुस बासिलिका में सम्पन्न हुई जिसकी अध्यक्षता कार्डिनल मंडल के अध्यक्ष कार्डिनल
आन्जेलो सोदानो ने की। ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में संत पापा बेनेडिक्त 16 वें ने प्रवचन
दिया और अंत्येष्टि धर्मविधि की अंतिम रीति की अध्यक्षता की। उन्होंने दिवंगत कार्डिनल
उरबानो नवरेत्ते के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कलीसियाई कानून के प्रति उनकी लगन और
सिखाने की दक्षता के कारण उन्हें मास्टर ओफ जस्टिस कहा। संत पापा ने कहा कि कार्डिनल
नवरेत्ते में अतीत और परम्परा के लिए महान प्रेम, वर्तमान की जरूरतों और चुनौतियों के
प्रति संवेदनशीलता तथा भविष्य के लिए स्वयं को देखने और खुला रखने की क्षमता थी जो आशा
से पूर्ण थी, वह आशा जो विश्वास से आती है। संत पापा ने स्वर्गीय कार्डिनल की पारिवारिक
पृष्ठभूमि और पालन पोषण के बारे में कहा कि 6 बच्चों के परिवार में उनके अभिभावकों ने
गहन मसीही विश्वास का माहौल बनाये रखा। तीन बच्चे येसु समाजी बने तथा दो धर्मबहनें बनीं।
परिवार को विश्वास का साक्ष्य देने का साहस मिला था तथा उन्होंने ख्रीस्त के प्रति प्रेम
को सर्वोच्च स्थान दिया और ईश्वर की महत्तर महिमा के लिए सब कुछ किया। कार्डिनल नवरेत्ते
कलीसियाई और विवाह कानूनों के विशेषज्ञ थे। कलीसियाई विधान का गहन अध्ययन करना तथा समर्पित
भाव से इसे विद्यार्थियों को सिखाना उनके जीवन का केन्द्रीय तत्व था। उन्होंने गहन ख्रीस्तीय
दर्शन से मार्गदर्शन पाकर भावी पीढ़ी को सच्चा न्याय, येसु का न्याय और सुसमाचार का न्याय
के लिए शिक्षित किया। यही उनका प्रेरिताई काम था। संत इग्नासियुस लोयालो के आध्यात्मिक
पुत्र कार्डिनल उरबानो नवरेत्ते ने ख्रीस्त से प्रेम किया और उनके साथ गहन एकता में जीवन
जीया। स्वर्गीय कार्डिनल उरबानो नवरेत्ते का जन्म स्पेन के तेरवेल में हुआ था। उन्होंने
1937 में येसु धर्मसमाज में प्रवेश किया और 1952 में पुरोहित अभिषिक्त हुए थे। उन्होंने
परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय में कलीसियाई कानून विभाग के डीन तथा सन 1980
से 1986 तक इस विश्वविद्यालय के रेक्टर के रूप में अपनी सेवा अर्पित किया था।