2010-11-24 19:55:47

विश्व के धर्माध्यक्ष संत पापा के साथ


रोम, 24 नवम्बर, 2010 (ज़ेनित) विश्व के अनेक धर्माध्यक्षों ने संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के पीटर सीवाल्ड की नयी किताब ‘लाइट ऑफ द वर्ल्ड’ में छपे वक्तव्य के पक्ष में अपने वक्तव्य दिये हैं।

विदित हो कि स्थानीय समाचार पत्र ‘लोसेरभातोरे रोमानो’ ने शनिवार 20 नवम्बर के अंक में उक्त किताब में छपी संत पापा के साक्षात्कार के कुछ अंश छापे थे जिसने मीडिया जगत तथा कई लोगों का ध्यान खींचा था।

उस साक्षात्कार में जर्मन पत्रकार पीटर सीवाल्ड ने कैमेरून के संदर्भ में संत पापा से कहा कि " जहाँ की जनता को (एड्स का) अत्याधिक जोख़िम हो उन्हें कोन्डोम का प्रयोग करने से मना करना मूर्खता है। " इस पर टिप्पणी करते हुए संत पापा ने कहा था कि " किसी व्यक्तिगत मामले में, शायद जब एक पुरुष सेक्स वर्कर इसका प्रयोग करे, यह नैतिकता की दृष्टि से प्रथम कदम, और इस बात की ज़िम्मेदारी लेने की जागरूकता की पहली स्वीकृति है कि सब कुछ की अनुमति नहीं दी जा सकती है, और उन सब कुछ को नहीं किया जा सकता है जिन्हें एक व्यक्ति चाहता है। "

" लेकिन एड्स जैसे संक्रामक रोग के समाधान का यह रास्ता सही नहीं है। ऐसा सिर्फ तबही हो सकता है जब कामुकता का मानवीकरण हो " पत्रकार सीवाल्ड का दूसरा सवाल था कि " तो इस तरह से आपके कहने का तात्पर्य है कि काथलिक कलीसिया कोन्डोम के प्रयोग के सिद्धांत का विरोध करती है।"

संत पापा ने कहा था कि " निश्चिय ही कलीसिया इसे वस्तुतः नैतिक समाधान नहीं मानती है पर विभिन्न परिस्थितियों में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिये यौन जीवन के लिये नया, मानवीय और पहला कदम हो सकता है।"

उधर इंगलैंड और वेल्स की काथलिक धर्माध्यीय समिति ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संत पापा अपने वक्तव्य के द्वारा यही बात बताना चाहते हैं कि चर्च का मुख्य दायित्व है कि वह एड्स पीड़ितों का साथ दे और उनका मार्गदर्शन करते रहे।

उन्होंने यह भी बताया की विश्व के 25 प्रतिशत एड्स पीड़ितों की देख-रेख काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित संस्थायें करतीं हैं।

सिडनी के धर्माध्यक्ष कार्डिनल जोर्ज पेल्ल ने कहा है कि अफ्रीका में एड्स की समस्या बहुत ही गंभीर हो गयी है और काथलिक कलीसिया उनके लिये चिकित्सा व्यवस्था के लिये कार्य कर रही है।

ऑस्ट्रेलिया के पारामात्ता के धर्माध्यक्ष अंतोनी फिशर ने कहा है कि " अंतराष्ट्रीय मीडिया के गलत अनुवाद के बावजूद संत पापा ने काथलिक कलीसिया की शिक्षा को न तो बदला है और न ही पहले से कुछ अलग बताया है। "

फिलिपींस के पारिवारिक जीवन के लिये बनी महाधर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष फादर जोएल जासोन ने कहा है कि " मीडिया ने संत पापा की बातों को संदर्भ से बाहर रख कर प्रस्तुत किया है।"

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि " संत पापा की बातों में कहीं भी कोन्डोम के प्रयोग को न्यायोचित्त ठहराने जैसी कोई बातें नहीं हैं।"










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