देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, रविवार 21 नवम्बर को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने राजा ख्रीस्त के महोत्सव
पर संत पेत्रुस बासिलिका में समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता जिसमें 24 नये कार्डिनल
सहअनुष्ठाता रहे। उन्होंने समारोही ख्रीस्तयाग के बाद बासिलिका के प्रांगण में उपस्थित
देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ
करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और
बहनो,
हमारे प्रभु विश्वमंडल के राजा ख्रीस्त के पर्व दिवस पर वाटिकन बासिलिका
में थोड़ी देर पहले ख्रीस्तयाग समारोह समाप्त हुआ जिसमें कल बने 24 नये कार्डिनल भी सहअनुष्ठाता
रहे। येसु ख्रीस्त राजा का समारोही पर्व मनाने की शुरूआत सन 1925 में संत पापा पियुस
ग्यारहवें ने की थी तथा द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद इसे पूजनधर्मविधि वर्ष के समापन
के साथ जोड़ दिया गया। महान पेंटिंग के सदृश संत लूकस का सुसमाचार येसु के राजत्व को
क्रूसीकरण के पल में प्रस्तुत करता है। जननेताओं तथा सिपाहियों ने समस्त सृष्टि के पहलौठे
का तिरस्कार किया और वे उनकी परीक्षा लेते हैं यह देखने के लिए कि उनके पास अपनी मृत्यु
से बचने की शक्ति है या नहीं और ठीक, क्रूस पर ही येसु का, ईश्वर की सर्वो्च्च महिमा
का बखान होता है जो प्रेम हैं। यह वहाँ है जहाँ उन्हें जाना जा सकता है। येसु हमें जीवन
देते हैं क्योंकि वे हमें ईश्वर को देते हैं। वे हमें उन्हें दे सकते हैं क्योंकि वे
स्वयं ईश्वर के साथ एक हैं।
वस्तुतः जब ईश्वर स्वयं को दो कुकर्मियों के मध्य
पाते हैं तो उनमें से एक कहता है जो अपने गुनाहों के प्रति सचेत है। वह स्वयं को सत्य
के लिए खोलता है और विश्वासपूर्वक यहूदियों के राजा से निवेदन करता है- येसु, मुझे याद
कीजिएगा जब आप अपने राज्य में आइयेगा। उनसे जो समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं
और समस्त सृष्टि उन में टिकी हुई है तथाकथित भला डाकू अविलम्ब उनसे क्षमादान और स्वर्ग
राज्य में प्रवेश करने की खुशी पाता है।
" सच मैं तुमसे कहता हूँ कि आज ही तुम
मेरे साथ स्वर्ग में होगे " इन शब्दों के साथ येसु क्रूस के सिंहासन से प्रत्येक मनुष्य
को असीम दया से ग्रहण करते हैं। संत अम्ब्रोस टिप्पणी करते है कि यह मनपरिवर्तन का सुंदर
उदाहरण है जिसे एक व्यक्ति को आकांक्षा करनी चाहिए। भले डाकू को तत्क्षण क्षमा दी गयी
और अनुरोध करने से कहीं अधिक प्रचुर मात्रा में कृपा है। संत अम्ब्रोस कहते हैं कि प्रभु
हमेशा जो माँगा गया है उससे कहीं अधिक देते हैं। जीवन येसु के साथ होना है क्योंकि जब
ख्रीस्त हैं तो वहाँ स्वर्ग राज्य है।
प्रिय मित्रो, हम ख्रीस्तीय कला में प्रेम
के पथ का मनन चिंतन कर सकते हैं जिसे प्रभु हमारे लिए प्रकट करते हैं और हमें अनुसरण
करने के लिए निमंत्रण देते हैं। वस्तुतः आरम्भिक काल में ईसाई पवित्र इमारतों को सुव्यवस्थित
करने में यह पारम्परिक बन गया कि पूर्वी छोर पर आशा के प्रतीक प्रभु के राजा के रूप में
लौटने को प्रदर्शित किया जाये तथा पश्चिमी दीवार को सामान्य तौर पर अंतिम न्याय के रूप
में प्रदर्शित किया गया जो हमारे जीवन में हमारे उत्तरदायित्व का प्रतीक है। ईश्वर के
असीम प्यार पर आशा तथा ईश्वर के प्रेम के अनुसार हमारे जीवन को व्यवस्थित करने का समर्पण।
जब हम नये व्यवस्थान से उत्प्रेरित होकर येसु के चित्रण पर मनन चिंतन करते हैं जैसा
कि प्राचीन समिति (कौंसिल औफ ट्रूलो) हमें सिखाती है हम यह समझने के लिए बढ़ते हैं कि
ईशवचन के अपमान और विनम्रता, देह में उनके जीवन का स्मरण, उनका दुःखभोग और उनकी मुक्तिदायी
मरण तथा मुक्ति जो संसार में आयी है। हाँ हमें जरूरत है कि क्रूसित येसु के छेदित दिल
में ईश्वर के रहस्य को पहचानने के लिए सक्षम बनें। कुँवारी माता मरिया, आज जब हम उनके
मंदिर में अर्पण का स्मरण करते हैं, कार्डिनल मंडल के नये सदस्यों तथा अनन्त जीवन की
ओर हमारी इस पार्थिव तीर्थयात्रा को हम उनके सिपुर्द करते हैं।
इतना कहकर संत
पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान
किया।