अखिल भारतीय आदिवासी संघ (एआईटी) ने मनायी कार्डिनल टोप्पो की रजत जुबिली
वाटिकन सिटी, 22 नवम्बर, 2010 । राँची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर
पी. टोप्पो ने कहा है कि भगवान जो कुछ करता है अच्छा ही करता है और हमें चाहिये कि हम
उसे सदा धन्यवाद दें। कार्डिनल ने उक्त बातें उस समय कहीं जब 21 नवम्बर रविवार को
अपने महाधर्माध्यक्ष बनाने जाने की रजत जुबिली के अवसर पर रोम के आदिवासियों के लिये
यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया और उन्हें संबोधित किया। विदित हो कार्डिनल टोप्पो नये
कार्डिनल बनाये जाने के समारोह में सम्मिलित होने और परमधर्मपीठीय समिति के विभिन्न सभाओं
में भाग लेने के लिये रोम आये हुए हैँ। मिस्सा पूजा का आयोजन जेस्विटों के रोम स्थित
मुख्यालय के सम्पन्न हुआ। यूखरिस्तीय बलिदान में करीब 15 धर्मबहनें 20 पुरोहित अनेक धर्मबन्धु
और कुछ हिन्दी-भाषा-भाषी सम्मिलित हुए। विदित हो 71 वर्षीय एशिया के प्रथम आदिवासी
कार्डिनल टोप्पो का पुरोहिताभिषेक सन् 1969 में हुआ था सन् 1978 में वे धर्माध्यक्ष बनाये
गये और सन् 1985 में राँची के महाधर्माध्यक्ष बने और संत पापा जोन पौल द्वितीय ने सन्
2003 में उन्हें कार्डिनल की ज़िम्मेदारी सौंपी। विदित हो कि फिलहाल कार्डिनल वाटिकन
बैंक कि विजिलंस कमीशन, अंतरधार्मिक वार्तात व संस्कृति के लिये बनी परमधर्मीठीय समिति
और सुसमाचार प्रचार के लिये बनी समिति के भी सदस्य हैं।