2010-11-20 15:19:17

ईश्वर के लिये बड़े होने का अर्थ है, सेवामय जीवन - संत पापा


वाटिकन सिटी, 20 नवम्बर, 2010 (सेदोक, वीआर) संत पापा ने कहा के नये कार्डिनल अब संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के निकट सहयोगी बन गये हैं और कलीसिया के सार्वभौमिक प्रेरितिक कार्यों में अपना योगदान दे सकेंगे।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर में में आयोजित एक यूखरिस्तीय समारोह में 24 नये कार्डिनलों को बनाये जाने की धर्मविधि सम्पन्न करने के बाद उपदेश दिया।

संत पापा ने कहा कि अब कार्डिनल संत पापा के विशिष्ठ और मूल्यवान व सहयोगी बन गये हैं ताकि वे लोगों को येसु ख्रीस्त के प्रेम का अनुभव करा सकें और येसु के उसी प्रेम की आज्ञा का पालन कर सके जिसे येसु ने अपने चेलों को दिया था।

येसु से विश्वास में संयुक्त रहने का अर्थ है येसु को अपने जीवन का आधार बनाना और उसी के अनुसार जीवन जीना।

सुसमाचार की बातों को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हम दूसरों के सेवक बनें। संत पापा ने कहा कि ईश्वर के लिये बड़े और महान् होने का अर्थ है दूसरों की सेवा करना।

उन्होंने कहा कि कार्डिनल बनाया जाना एक विशेष ईश्वरीय मिशन है जिसमें व्यक्ति येसु की जीवनशैली को अपनाता है और दूसरों की सेवा करता है।

इसके लिये यह ज़रूरी है कि व्यक्ति अधिक-से-अधिक गहराई से येसु में एक हो जाये ताकि वह प्रेरित संत पौल के समान ही कह सके अब मैं नहीं येसु मुझमें जीते हैं।

संत पापा ने लोगों से अपील की कि पवित्र आत्मा नये कार्डिनलों को अपनी कृपा दे ताकि वे कलीसिया की सेवा बखूबी कर सकें।










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