मिस्र में मुसलमानों की भीड़ द्वारा कोप्टिक ईसाईयों के दो दर्जन घरों और दुकानों में
आगजनी
(ईडब्लयूटीएन) मिस्र के केन्द्रीय भाग के एक गाँव में यह अफवाह फैलने पर कि एक ईसाई
किशोर युवा ने अपनी मुसलमान महिला मित्र का शीलभंग किया लगभग 1000 हजार मुसलमानों की
भीड़ ने नारे लगाते हुए कोप्टिक ईसाईयों के दो दर्जन घरों और दुकानों में आग लगा दिया।
स्थानीय कोप्टिक आर्थोडोक्स धर्माध्यक्ष ने कहा कि एक मुसलमान महिला ने उन्हें बताया
की युवती का शीलभंग किये जाने की रिपोर्ट झूठ है। लक्सोर के कोपटिक काथलिक धर्माध्यक्ष
जोआन्नेस जकारिया ने कहा कि जो कुछ हुआ वह मात्र दो व्यक्तियों की बात थी लेकिन इसे बढ़ा
चढ़ा कर ऐसा रूप दिया गया कि ईसाईयों की छवि खराब हो। इस स्थिति को ईसाईयों पर हमला करने
में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि ईसाईयों का बलात
धर्मांतरण करने की योजना है, विशेष रूप से युवतियों का जो सबसे नाजुक हैं। धर्माध्यक्ष
जकारिया ने कहा कि वे अनेक घटनाओं के प्रति सचेत हैं जिसमें मुसलमान युवक ईसाई युवतियों
पर डोरे डालकर उन्हें बलात इस्लाम धर्म स्वीकार कराने का प्रयास करते हैं। उन्होंने
कहा कि मिस्र के ईसाई रूप में वे अपने विश्वास के कारण सताये जानेवाले इराकी बंधुओं के
बहुत समीप महसूस करते हैं। यद्यपि दिल में दर्द है तथापि यह ऐसा क्रूस है जिसे वे शांत
भाव से ढोते हैं, क्योंकि यह हमें मुक्तिदाता ख्रीस्त की पीड़ा में भागी होने की अनुमति
देता है।