नई दिल्ली, 17 नवम्बर, 2010 (सीबीसीआई) पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर के चार मंजिले मकान
ढह जाने से 66 लोगों की मृत्यु के लिये ‘डेलही सिविक एजेंसी’ को ज़िम्मेदार ठहराया है।
सीआरआई के राष्ट्रीय सचिव ब्रदर मनी मेक्कुनेल ने कहा कि यह मानवकृत आपदा है इसके लिये
व्यक्ति ही ज़िम्मेदार है । मकान का जो ढाँचा बन रहा था उसमें सुरक्षा संबंधी कोई
भी सावधानियाँ नहीं बरती गयीं थी। इस हादसे में 66 लोगों की मौत हो गयी और करीब 130 लोग
घायल हो गये हैं। बताया जाता है कि 15 वर्ष पुराने इस मकान की नींव कमजोर थी और यमुना
नदी में आये बाढ़ को यह झेल नहीं पायी। दिल्ली नगरपालिका (एमसीडी) के नियम के अनुसार
इस इलाक़े में चार मंजिला मकान बनाने की अनुमति नहीं है और जब यह मकान ढहा उस समय यहाँ
पांचवीं मंजिल पर निर्माण कार्य चालू था। ब्रदर ने कहा कि भवन निर्माता मानव के जीवन
की रक्षा के प्रति एक भी संवेदनशील नहीं रहे। उन्होंने माँग की है कि दोषियों को
सजा दी जानी चाहिये। उधर सीबीसीआई के प्रवक्ता फादर बाबू जोसेफ न कहा है कि यह एक दुःखद
और खेदपूर्ण घटना है जिसके लिये मानव ही ज़िम्मेदार है। एमसीडी के कार्यकर्ताओं में
सिर्फ़ पैसे कमाने की धुन सवार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों की आँखें अब तो खुलनी
ही चाहिये। दिल्ली महाधर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर दोमेनिक एम्मानुएल का कहना है
कि इस घटना की पूरी जाँच की जानी चाहिये। वकील सिस्टर मेरी स्कारिया ने भी कहा कि
सरकार को इसकी बारीकी से जाँच करनी चाहिये। उधर दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिवारवालों
को 2 लाख देने घोषणा की है और मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दिये हैं।