2010-11-13 13:15:38

‘वेरबुम दोमिनी’ जीवित ईश्वर से मिलने का आमंत्रण है – वाटिकन प्रवक्ता


वाटिकन सिटी, 13 नवम्बर, 2010(ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का ‘वेरबुम दोमिनी’ अर्थात् ‘ईशवचन’ नामक संबोधन जीवित ईश्वर से मिलने का आमंत्रण है।

उक्त बातें वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोमबारदी ने उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में उन्होंने संत पापा के पोस्ट सिनोदल संबोधन पर अपने विचार व्यक्त किये।

फादर लोमबारदी ने बतायी कि 45 वर्ष पूर्व भी कौंसिल ने एक ‘देई वेरबुम’ नामक एक संविधान प्रकाशित किया था जिसे कौंसिल का अति महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ माना गया था जिसे कलीसिया के मिशन और जीवन के आलोक में प्रकाशित किया गया था।

प्रवक्ता ने कहा कि इससे कलीसिया का नवीनीकरण तो अवश्य ही हुआ था पर बाद में कुछ नीरसता और अस्पष्ट आध्यात्मवाद भी महसूस किया जाने लगा था और इसी लिये ‘वेरबुम दोमिनी’ नामक संबोधन की आवश्यकता पड़ी।

फादर लोमबारदी ने बताया कि धर्माध्यक्षों की समिति के प्रीफेक्ट कार्डिनल मार्क क्वेलेत ने इस बात को स्पष्ट रूप स बताते हुए कहा हैं कि कलीसिया के विश्वासियों के आध्यात्मिक जीवन के आये खालीपन के भरने की आवश्यकता थी।

फादर लोमबारदी ने इस बात पर बल दिया है कि पवित्र धर्मग्रंथ को पढ़ने और इसका अर्थ समझने के लिये सिर्फ आधुनिक तकनीकि काफी नहीं, वरन् इसे विश्वास की आँखों से देखे जाने की आवश्यकता है।

ऐसा करने से ही ईश्वरीय शब्द प्रभु येसु का सच्चा अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। फादर लोमबारदी ने कहा कि आज कलीसिया में इस बात की ज़रूरत है कि व्यक्ति प्रभु का वचन रोज दिन सुने और उसी की सेवा में अपने को अर्पित करे ताकि इससे पूरी मानव जाति येसु मसीह की सहायता से ईश्वर को प्राप्त कर सके।

‘वेरबुम दोमिनी’ में संत पापा ने न केवल एक दस्तावेज़ प्रस्तुत किया है जिसे हम पढ़ पायेंगे पर उन्होंने कुछ उदाहरण भी प्रस्तुत किये हैं जो हमारे लिये बहुत ही मददगार सिद्ध हो सकते हैं। इस किताब में संत पापा ने येसु को हमारे लिये एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

इस संबोधन में संत पापा ने अपने उपदेश के द्वारा पुरोहितों के लिये भी एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जिसमें विभिन्न विषयवस्तु के आधार पर ईशवचन, ईशशास्त्र और गहरी आध्यात्मिकता निहित है।

फादर लोमबारदी ने कहा कि उनकी आशा है संत पापा के निर्देशों के अनुसार ईशवचन को पूरे उत्साह के लिये लोगों को पहुँचाया जा सकेगा।





























All the contents on this site are copyrighted ©.