2010-11-13 13:16:42

पुस्तकालय सत्य को पाने की जगह – संत पापा


वाटिकन सिटी, 13 नवम्बर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग सत्य की तलाश करते हैं।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय दीं जब उन्होंने 11 नवम्बर वृहस्पतिवार को वाटिकन अपोस्तोलिक पुस्तकालय के पुनः खोले जाने के अवसर पर अभिलेखाध्यक्ष और पुस्तकालय अध्यक्ष को पत्र प्रेषित किये।

संत पापा ने कहा कि अगर हम इतिहास के प्रति संवेदनशील होंगे तो हम जान पायेंगे कि वाटिकन पुस्कालय या संग्रहालय का हमारे ख्रीस्तीय जीवन और इसके संचालन के लिये कितना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि पुस्तकालय या संग्रहालय वैसी जगह सिर्फ़ नहीं है जहाँ किसी ने अपने व्यक्तिगत रुचि के कारण किताबें जमा कर दी है।

यह एक ऐसा संग्रहालय है जो कलीसिया के संचालन में अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और वे इसे अपने जीवन से अलग नहीं कर सकते।

पुस्तकालय समस्याओं के समाधान में मदद देते हैं वे गंभीर समस्याओं की जड़ को समझने और इसके उचित समाधान में हमें मदद देते हैं।

पुस्तकालय और संग्रहालय आरंभ से ही उन बातों को एकत्र करते रहे हैं जिन्हें मानव ने खोज निकाला है। संग्रहालय में अतीत की सुन्दर वस्तुएँ हैं।

इसमें जो कुछ हैं वे एक लम्बे समय से संग्रीहित हैं। संत पापा ने कहा संग्रहालय में सार्वभौमिक कलीसिया की ऐतिहासिक याद छुपी हुई है।

साथ ही हस्त लिखित पवित्र बाईबल की प्रतियाँ भी रखा गया है। इसलिये हमें चाहिये कि हम पुस्तकालय और संग्रहालय को सुरक्षित रखने और इसके उचित रखरखाव की ज़रूरत है।

संत पापा ने कहा कि जो भी वास्तव में मानवीय है वह कलीसिया के लिये नयी नहीं है क्योंकि इसने उन सभी जानकारियों को जमा किया।

संत पापा ने कहा कि वाटिकन पुस्तकालय ज्ञान का एक ऐसा संग्रहालय है जिसमें सत्य की खोज करने वालें प्रत्यके व्यक्ति को आलोकित करने की क्षमता है।




















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