2010-11-10 14:51:10

धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून का विरोध हो


राँची, 10 नवम्बर, 2010 ( एशियान्यूज़) झारखंड के कट्टरवादी हिंदु संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी ने हिंदुओं को ईसाई धर्म का अंगीकार करने से बचाने के लिये कानून पास कराने की योजना बनाई है।

जमशेदपुर के जेस्विट फादर स्टैन ने कहा है कि इस तरह के धर्मपरिवर्त्तन विरोधी कानून का हर हालत में विरोध किया जाना चाहिये।

उधर आरएसएस प्रमुख जगनाथ साही ने पत्रकारों को बताया कि वे राज्य की बीजेपी सरकार से आग्रह करेगी कि वे धर्मपरिवर्तन रोकने के लिये बिल पारित करे।

उन्होंने कहा कि " वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के पास ले जायेंगे और उनसे बिल पारित करने के लिये दबाव डालेंगे।"

उन्होंने कहा कि धर्मपरिवर्तन को हर हाल विरोध किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि चीन इस्राएल और कई अन्य देशों में धर्मपरिवर्तन पर रोक लगा दिय गया है लेकिन भारत ने अब तक ऐसा नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि धर्मपरिवर्तन विरोधी बिल पारित हो जाने से हिन्दु किसी भी प्रकार के प्रलोभन में आकर दूसरे धर्म स्वीकार नहीं कर पायेंगे।

फादर स्टेन ने लोगों को बताया कि धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून जो अन्य सात राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान में पारित चुके हैं वे इस बात का तो विरोध करते हैं कि हिन्दु अपना धर्म परिवर्तन न करें लेकिन अगर कोई ईसाई या मुसलमान धर्म छोड़कर हिन्दु बन जाये तो कानून इसका विरोध नहीं करता है।

फादर स्टैनी ने कहा कि धर्म अंतःकरण, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकार की बात है। भारत के संविधान के द्वारा प्रत्येक नागरिक को इसका अधिकार प्राप्त है।

और प्रजातंत्र का भी यही अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति किसी भी धर्म को मानने के लिये स्वतंत्र रहे।

कोई भी व्यक्ति अपनी मर्ज़ी से किसी भी धर्म को मानने के लिये स्वतंत्र है इसीलिये झारखंड में धर्मपरिवर्तन विरोधी विधेयक लाने की कोई ज़रूरत ही नहीं है। इन अनावश्यक बातों में उलझने के बदले सरकार विकास और लोगों के कल्याण के लिये कार्य करे।








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