देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
संत पापा ने रविवारीय परम्परा का पालन करते हुए मध्याह्न देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ
करने से पूर्व बारसिलोना को सागरादा फामिलिया चर्च के प्रांगण में एकत्रित विश्वासियों
को सम्बोधित करते हुए कहा-
प्रभु येसु ख्रीस्त में अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
कल
ब्राजील के पोरते अलेगरे में कांग्रेगेशन ओफ द सिस्टर्स ओफ द इम्माकुलेट हार्ट औफ मेरी
धर्मसमाज की संस्थापिका प्रभु सेविका पवित्र त्रित्व की मारिया बारबरा को धन्य घोषित
किये जाने का समारोह आय़ोजित किया गया। मेरी कामना है कि गहन विश्वास और उदारता के साथ
उन्होंने ख्रीस्त का अनुसरण किया वह अनेकों में ईश्वर की महान महिमा तथा भाई बहनों विशेष
रूप से निर्धनतम और सबसे अधिक जरूरतमंदी की उदार सेवा करने के लिए स्वयं को पूरी तरह
समर्पित होने की इच्छा उत्पन्न करे।
आज मुझे महान आनन्द हुआ कि इस गिरजाघर को
उन्हें समर्पित करने का खुशी मिली जो ईश्वर पुत्र होकर स्वयं को खाली कर दिया और मानव
बने, और जिन्होंने जोसेफ और मरिया की देखरेख में नाजरेथ के शांत घर में शब्द रहित होकर
भी विवाह और परिवार की प्रतिष्ठा तथा मूल्य के बारे में सिखाया मानवजाति की आशा, जिसमें
जीवन गर्भधारण के प्रथम क्षण से प्रकृतिक मत्यु तक स्वागत पाती है। उन्होंने हमें यह
भी सिखाया कि सम्पूर्ण कलीसिया उनके शब्दों को सुनकर और अभ्यास कर उनका परिवार बन जाती
है। उन्होंने हमें भ्रातृत्व का बीज बनने का आह्वान किया, हर दिल में इसे बोया और आशा
को पोषण प्रदान करता है।
नाजरेथ के पवित्र परिवार के प्रति श्रद्धा से भरकर,
संत जोसेफ मान्यानेत के द्वारा कटालान की जनता के मध्य भक्ति का प्रसार किया, अंतोनी
गाउदी की जीनियस जो कि उनके ईसाई विश्वास के सौंदर्य से अनुप्राणित हुआ पत्थरों से निर्मित
इस स्थल को ईश्वर की महिमा में निर्मित पवित्र स्थल के रूप में ऊपर उठाने में सफल हुए।
वस्तुतः गाऊदी ने अपने काम के द्वारा सबके लिए सुसमाचार लाने की कामना की। इसी कारण से
उन्होंने चर्च के बाह्य भाग के तीन पोरतिको में धर्मशिक्षा है- येसु ख्रीस्त के जीवन,
महान रोजरी जो सामान्य जनता की प्रार्थना है, प्रार्थना जिसमें हमारे प्रभु के आनन्द,
दु-खभोग और महिमा के रहस्यों पर मनन चिंतन है। उन्होंने पल्ली पुरोहित गिल पारेस के साथ
सहयोग करते हुए श्रमिकों और पास पडोस के निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए स्कूल का डिजायन
बनाया और आर्थिक सहायता दी जो उस समय बारसिलोना के सब अरबन क्षेत्र में था। उन्होंने
यह कहते हुए ठोस वास्तविकता को दृढ़ बनाया कि निर्धन हमेशा कलीसिया में स्वागत पायें
जो ख्रीस्तीय उदारता की अभिव्यक्ति है। इस सुबह मुझे यह घोषणा करते हुए भी संतोष हुआ
कि मैंने इस चर्च को माइनर बासिलिका घोषित किया। यहाँ विश्व के हर महाद्वीप से आनेवाले
स्त्री पुरूष येसु के जन्म पर मनन चिंतन कर सकते हैं।
हम प्रार्थना में येसु
मसीह के देहधारण के रहस्य पर विचार करते हुए देवदूत के शब्दों के साथ अपनी प्रार्थना
को ईशमाता की ओर अर्पित करें। हम अपने जीवन और सम्पूर्ण कलीसिया के जीवन को उनकी मध्यस्थता
को सौंपते हैं तथा सदइच्छा वाले हर व्यक्ति के लिए शांति के वरदान की याचना करते हैं।
इतना कहने के बाद संत पापा ने सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।