वाटिकन सिटीः बगदाद में आतंकवादी हमले के शिकार लोगों के प्रति सन्त पापा की आध्यात्मिक
समीपता
बगदाद में सिरियाई काथलिक गिरजाघर पर आल कायदा के आतंकवादी हमले के शिकार बने ख्रीस्तीय
समुदाय के प्रति सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गहन शोक व्यक्त कर अपने आध्यात्मिक सामीप्य
का प्रदर्शन किया है। मध्य पूर्व में एक बार फिर ख्रीस्तीय समुदाय के विरुद्ध हिंसा की
सन्त पापा ने कड़ी निन्दा की तथा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह पूर्ण संकल्प
के साथ मध्य पूर्व के देशों में शांति स्थापना हेतु कार्य करे।
सोमवार को सब
सन्तों के महापर्व के उपलक्ष्य में वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण
में एकत्र भक्तों को अपने आवास की खिड़की से सम्बोधित कर सन्त पापा ने देवदूत प्रार्थना
का पाठ किया। प्रार्थना के उपरान्त कहे शब्दों में सन्त पापा ने ईराक की राजधानी बगदाद
में सिरियाई काथलिक गिरजाघर पर रविवार को आरम्भ हमले पर गहन चिन्ता व्यक्त की जिसमें
आल कायदा के आतंकवादियों ने रविवारीय ख्रीस्तयाग में भाग लेने वाले लगभग 100 काथलिक विश्वासियों
को बन्धक बना लिया था।
ग़ौरतलब है कि सोमवार को "गिरजाघर को आतंकवादियों से मुक्त
करने हेतु" ईराकी सुरक्षा बल की छापामारी में 58 व्यक्तियों की हत्या हो गई जिनमें दो
काथलिक पुरोहित भी शामिल थे।
सन्त पापा ने कहा, "गत रात बगदाद के सिरियाई काथलिक
गिरजाघर पर हुए एक गम्भीर हमले में दर्जनों की मौत हो गई है तथा कई घायल हो गये हैं।
इनमें रविवार के ख्रीस्तयाग के लिये एकत्र भक्त तथा दो पुरोहित भी शामिल थे। इस बेवजह
हिंसा के शिकार बने लोगों के लिये मैं प्रार्थना करता हूँ। यह अत्यधिक क्रूर हमला था
जिसमें, ईश्वर के घर में एकत्र निहत्थे नागरिक प्रभावित हुए, उस स्थल पर जो प्रेम और
पुनर्मिलन का घर है।"
बगदाद एवं सम्पूर्ण मध्यपूर्व के ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति
स्नेह की अभिव्यक्ति कर सन्त पापा ने सभी धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों से आग्रह किया
कि बर्बर हिंसा की घटनाओं के समक्ष वे अपने विश्वास को सुदृढ़ करें तथा आशा का कभी परित्याग
न करें। शांति हेतु कार्य करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान करते हुए सन्त
पापा ने कहा, "शांति के लिये मैं एक बार फिर अपनी हार्दिक अपील को नवीकृत करता हूँ। शान्ति
ईश्वर द्वारा प्रदत्त वरदान है तथापि शुभेच्छा रखनेवाले मनुष्यों तथा राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय
संस्थाओं के प्रयासों का परिणाम भी। सब प्रकार की हिंसा को समाप्त करने के लिये हम सब
को एकजुट होना पड़ेगा।"