बगदाद, इराक 1 नवम्बर, 2010 (ज़ेनित) बगदाद के सायिदत-अल-नज़ात सिरियन कैथोलिक महागिरजाघर
में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों के कब्ज़े से मुक्त कराने के सिलसिले में 7 लोगों की मृत्यु
हो गयी और करीब 20 लोग घायल हो गये। उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन प्रवक्ता
फादर लोमबारदी ने बताया कि रविवार 31 अक्तूबर को यूखरिस्तीय बलिदान में भाग ले रहे विश्वासियों
को दो बंदूकधारियों ने अपने कब्ज़े में कर लिया था। मोसुल के सिरियन कैथोलिक धर्माध्यक्ष
जोर्ज कासमाउसा के अनुसार गिरजाघर में करीब 50 लोग मौजूद थे जब यह घटना घटी। दो बंदूकधारी
एक कार में महागिरजाघर के दरवाजे तक आये और आते ही उन्होंने दो व्यक्तियों को गोली से
मार डाला। और बाकी 50 लोगों को एक कमरे में जाने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने
उन पर बम से हमला किया जिससे कुछ लोगों की मृत्यु हुई। बंदूकधारियों ने बताया कि वे वे
‘इसलामिक स्टेट ऑफ इराक’ के सदस्य है। उन्होंने माँग की कि इराक और मिश्र में उनके बंदी
साथियों को रिहा कर दिया जाये। घटना की जानकारी देते हुए बाबिलोन के प्रति धर्माध्यक्ष
शेलमोन वारदूनी ने बताया कि हमले के आरंभ में ही गिरजाघर के सुरक्षागार्ड और एक बच्ची
को गोलियों से भून दिया गया था। बाद में अमेरिकन और ईराकी सैनिकों ने गिरजाघर को
घेर लिया भीतर से 8 बंदूकधारियों को गिरफ्तार कर लिया। धर्माध्यक्ष ने इस घटना की
निन्दा करते हुए कहा कि यह घटना घृणित अन्यापूर्ण और अविवेकपूर्ण है। उन्होंने ईश्वर
से प्रार्थना कि वे आतंकवादियो के मन को सदबुद्धि प्रदान करें ताकि वे आम लोगों के हितों
का ख्याल करें भले कार्य करें। विदित हो कि सन् 2004 में भी बगदाद के ‘आवर लेडी ऑफ
साल्भेशन’ महागिरजाघर में हमले हुए थे जिसमें 12 लोगों की मृत्यु हो गयी थी।