भारत में काथलिक कौंसिल आफ इंडिया सीसीआई के सदस्यों की मुंबई में आयोजित दो दिवसीय बैठक
में प्रतिभागियों ने देश के कुछेक भागों में हिंसा फैलानेवाली ताकतों की पृष्ठभूमि में
शांति निर्माण करने के उपायों पर विचार विमर्श किया। सीसीआई तथा भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय.
सम्मेलन के अध्यक्ष एवं मुम्बई के कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने सीसीआई की बैठक का 26
अकटूबर को शुभारम्भ करते हुए कहा कि हमें देश की परिस्थिति को दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य
में देखनी चाहिए। हाल में देश ने अनेक सकारात्मक चिह्नों को लेकिन इसके साथ ही कुछेक
क्षेत्रों में तनावों को देखा है। हमें यह देखने और चिंतन करने की जरूरत है कि इन समस्याओं
का हम कैसे प्रभावशाली तरीके से जवाब दे सकेंगे। बैठक में धार्मिक नेताओं ने देश
के कुछ भागों जैसे कर्नाटक और मध्यप्रदेश में ईसाई विरोधी हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त
की और देश के कुछ अन्य भागों में माओवादी हिंसा को रोकने के उपायों पर विचार विमर्श किया।
वक्ताओं ने कहा कि ईसाई नेताओं का कर्तव्य है कि शांति और मेलमिलाप के लिए अपनी सेवा
अर्पित करें। वे समय की प्रवृति और जरूरत का अध्ययन कर संघर्षवाली परिस्थितियों में हस्तक्षेप
कर शांतिमय समाज की रचना करें। कांफ्रेस औफ रेलिजियस इंडिया के राष्ट्रीय सचिव ब्रदर
मनी मेकुनेल ने कहा कि कलीसियाई नेता अन्य समुदायों के बंधु ईसाईयों की सहायता करें कि
वे ख्रीस्त के संदेश का प्रचार करते समय अन्य धर्मों के लोगों की भी भावनाओं के प्रति
संवेदनशील बनें। सीसीआई में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, कांफ्रेस ओफ रेलिजियस
इंडिया तथा लोकधर्मी संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।