2010-10-28 16:21:41

अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति का दीपावली संदेश


अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यां लुई तोरान और सचिव महाधर्माध्यक्ष पियेर लुईजी चेलाता ने 5 नवम्बर को मनाये जाने वाले दीपावली पर्व को देखते हुए हिन्दु धर्मानुयायियों को दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनायें दी हैं। उनकी कामना है कि ईश्वर, सर्वोच्च प्रकाश, सबके मन और दिल को आलोकित करें तथा घरों और परिवारों में मानवीय संबंधों को सुदृढ़ करे।
CHRISTIANS AND HINDUS: TOWARDS ENHANCING OF MUTUAL RESPECT, TRUST AND COOPERATION शीर्षक से जारी संदेश में परस्पर सम्मान और भरोसा को बढ़ावा देते हुए दोनों धर्मों को अनुयायियों के मध्य मैत्री और सहयोग को सुदृढ़ करने पर चिंतन करने का आह्वान किया गया है।
कहा गया है कि सम्मान प्रत्येक व्यक्ति को दी जानेवाली प्रतिष्ठा है। यह अहस्तांतरणीय अधिकार है जिसकी रक्षा किसी भी प्रकार की हिंसा, उपेक्षा या उदासीनता से की जानी है। एक तरफ, परस्पर सम्मान, शांति और सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व तथा समाज की प्रगति के लिए मौलिक तत्वों में से एक है तो दूसरी और, भरोसा, हर यथार्थ मानवीय संबंध को निजी और सामुदायिक स्तर पर पोषण प्रदान करता है। परस्पर भरोसा, विकास और सामान्य हित के लिए अनुकूल वातावरण की रचना करने के साथ ही सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साझा दृढ़ धारणा का निर्माण करता है जिस पर हम एक दूसरे पर निर्भर रह सकते हैं। यह साझा दृढ़ धारणा निजी और सामुदायिक स्तर पर तत्परता और खुलेपन का भाव जगाती है ताकि लोग फलप्रद सहयोग में शामिल हो सकें जो न केवल भले कृत्य करने में लेकिन हमारे समय की गंभीर और अनुत्तरित चुनौतियों का जवाब देने के लिए तैयार करती है।
संदेश में कहा गया है कि अंतरधार्मिक संवाद का प्रसार करने के काम में हमारी सहभागिता हमें सहयोग और एक जैसे काम करने की ओर ले चलती है। संत पापा जोन पौल द्वितीय ने कहा था विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के मध्य संवाद परस्पर सम्मान की भावना को गहरा बनाता और संबंधों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है जो मानवीय पीड़ा की समस्याओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण हैं।
अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष और सचिव की कामना है कि जो लोग व्यक्ति का कल्याण और सामुदायिक हित चाहते हैं वे सम्मान, भरोसा और सहयोग की संस्कृति का प्रसार करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का यथासंभव प्रयोग करते हुए इस संस्कृति को और अधिक दृश्यमान बनायें।








All the contents on this site are copyrighted ©.