वाटिकन सिटीः सिरो मलाबार धर्माध्यक्ष ने मध्यपूर्व के ख्रीस्तीयों की प्रेरिताई की पुकार
लगाई
सिरो मलाबार काथलिक धर्माध्यक्ष मार बॉस्को पुत्तुर का कहना है कि यह केवल एक मिथक है
कि मध्य पूर्व की असहयोगी सरकारें वहाँ नौकरियाँ करनेवाले ख्रीस्तीयों की प्रेरिताई
में अड़चनें डालती हैं।
वाटिकन में 10 से 24 अक्तूबर तक चली मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों
की धर्मसभा में बोलते हुए, केरल के महाधर्माधर्माध्यक्ष कार्डिनल वारकी विथयात्तिल का
प्रतिनिधित्व करनेवाले, धर्माध्यक्ष मार बॉस्को पुत्तुर ने कहा, "कुछेक कलीसियाई अधिकारियों
द्वारा व्यक्त मत के विपरीत, सामान्य तौर पर, खाड़ी प्रदेशों की सरकारें ख्रीस्तीय समुदायों
के प्रति उदार रहीं हैं क्योंकि उन्हें भी आप्रवासी श्रमिकों की आवश्यकता है।"
तथापि,
उन्होंने कहा, "अरब के खाड़ी देशों में काम करनेवाले लगभग 430,000 सिरो मलाबार ख्रीस्तीय
धर्मानुयायियों की प्रेरितिक सेवा सन्तोषजनक नहीं है।"
उक्त धर्माध्यक्षीय धर्मसभा
में इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया कि मध्यपूर्व में नौकरियाँ करनेवाले अफ्रीका
एवं एशिया के हज़ारों आप्रवासियों की प्रेरितिक ज़रूरतों को सम्बोधित करना नितान्त आवश्यक
है। कहा गया कि आप्रवासी सामाजिक न्याय से वंचित किये जाते हैं इसलिये कलीसियाओं का दायित्व
है कि वे उनकी प्रेरितिक ज़रूरतों के साथ साथ उनकी सामाजिक व्यथाओं पर भी ध्यान केन्द्रित
करें।
धर्माध्यक्ष पुत्तुर ने आँकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि सऊदी अरब में
1,90,000, यूनाईटेड अरब देशों में 1,10,00, ओमन में 45,000, कुवैत में 40,000, बाहरीन
में 35,000 तथा कटर में 10,000 सिरो मलाबार श्रमिक काम करते हैं किन्तु उनकी प्रेरिताई
के लिये एक भी पल्ली की स्थापना नहीं की गई है।
सिरो मलाबार काथलिकों को उनकी
कलीसियाई परम्परा के अनुकूल धर्मशिक्षा प्रदान करना उन्होंने अनिवार्य बताया।