धर्मसभा के धर्माचार्यों ने अंतिम प्रस्तावों के प्रारूप को सुना
मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के धर्माचार्यों ने 21 अक्तूबर को सम्पन्न सत्र
में महासचिव द्वारा तैयार 41 प्रस्तावों की सूची सुनी जो धर्मसभा के विचार विमर्श का
प्रस्तावित सारांश है। धर्मसभा के धर्माध्यक्षगण छोटे समूहों में मिलकर इन विभिन्न प्रस्तावों
पर विचार विमर्श कर रहे हैं ताकि विचार विमर्श, बहस और जरूरी संशोधन के बाद इन्हें धर्मसभा
की स्वीकृति मिल सके। धर्मसभा का समापन 24 अक्तूबर को होने से पहले धर्मसभा के प्रतिभागी
41 प्रस्तावों पर मतदान करेंगे जो अंततः संत पापा के सामने प्रस्तुत किया जायेगा ताकि
इन निष्कर्षों के आधार पर संत पापा मध्यपूर्व के लिए प्रेरितिक उदबोधन लिख सकें। कलीसियाई
एकतावर्द्धक वार्तालाप, मुसलमानों और यहूदियों के साथ अंतर धार्मिक संवाद तथा मध्य पूर्व
क्षत्र में ईसाई उपस्थिति की निर्णायक भूमिका ये कुछेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं। इसके
साथ ही धर्मसभा के आचार्यों ने पूर्वी रीति की काथलिक कलीसियाओं की अस्मिता की रक्षा
करने, काथलिक कलीसिया के अंदर ही धर्माध्यक्षों, पुरोहितों और विश्वासियों के मध्य सामुदायिकता
की भावना को मजबूत करने तथा अन्य कलीसियाओं और कलीसियाई समुदायों के साथ संबंध को मजबूत
करने पर बल दिया है। कुछ प्रस्ताव मध्य पूर्व क्षेत्र से जुड़ी प्रवसन और पलायन की समस्याओं
तथा आराधना और अंतःकरण की आजादी सहित धार्मिक स्वतंत्रता के प्रसार की ओर विश्व का ध्यान
आकर्षित करने का आह्वान करते हैं। मध्य पूर्व में काथलिक आधिकारिक संरचना के मध्य सहयोग
को बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कलीसिया की शिक्षा को मीडिया के द्वारा प्रसारित
करने के महत्व पर भी बल दिया गया है। स्मरण रहे कि मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा
10 से 24 अक्तूबर तक वाटिकन में सम्पन्न हो रही है।