2010-10-18 14:43:25

मेरी मैकिल्लोप बनी ऑस्ट्रेलिया की पहली संत


रोम, 18 अक्तूबर, 2010 (बीबीसी) रोमन कैथलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप बेनेडिक्ट ने ऑस्ट्रेलिया की पहली संत को आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी है। मेलबॉर्न में जन्मी मैरी मैक्किलॉप ज़रूरतमंद बच्चों के साथ काम करती थीं जिनमें ऑस्ट्रेलिया के मूलनिवासी भी शामिल थे।
एक समय ऐसा आया जब मेरी मैक्किलॉप को कलीसिया से बाहर कर दिया गया था । उन्होने यौन शोषण करने वाले एक पादरी की कलई खोलने की कोशिश की तो वरिष्ठ पादरियों से उनका टकराव हो गया। हालांकि बाद में उनकी बहाली कर दी गई।
पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने 50,000 भक्तों की उपस्थिति में रोम के सेंट पीटर्स चौक में छः संतों की घोषणा की। इस आयोजन को देखने हज़ारों ऑस्ट्रेलियाई भी आए थे।
रोमन कैथलिक धर्म में किसी को संत तभी घोषित किया जाता है जब उसके हाथों दो चमत्कार हुए हों।
मेरी मैक्किलॉप के संबंध में ये कहा गया कि दो लोगों ने उनकी मदद की प्रार्थना की और वो कैंसर से मुक्त हो गए। इनमें से एक हैं विरोनिका हॉपसन जो 1961 में लूकीमिया से उबर आईं। उन्होने ऑस्ट्रेलियाई टेलेविज़न पर कहा, "मैं अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे अपना जीवन जीने, परिवार बनाने, नाती-पोतों को पाने का अवसर मिला. ये एक चमत्कार ही है"।
मेरी मैक्किलॉप ने जिस दूसरी महिला को कथित रूप से कैंसर से मुक्ति दिलाई वो हैं कैथलीन एवन्स. वो भी रोम में हुए इस आयोजन में शामिल हुईं।
विदित हो कि काथलिक कलीसिया में संत बनाने की प्रक्रिया व्यक्ति की मृत्यु के कम से कम पांच साल बाद शुरु की जा सकती है और वो भी उस व्यक्ति के धर्मात्मा होने के प्रमाणों की गहन समीक्षा के बाद। पहले चरण में उस व्यक्ति को ईश्वर का सेवक घोषित किया जाता है। दूसरे चरण में उसे 'पूजनीय' कहा जाता है।
फिर ये प्रमाणित करना होता है कि उनके हाथों कोई चमत्कार हुआ. इसके बाद उन्हे 'धन्य' घोषित किया जाता है। चौथे चरण में एक अन्य चमत्कार की पुष्टि हो जाने के बाद उन्हे 'संत' घोषित किया जाता है।



















All the contents on this site are copyrighted ©.