संत पापा ने कलीसिया के जीवन में काथलिक महिलाओं के योगदान को स्वीकारा
(येरूसालेम 7 अक्तूबर जेनिथ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कलीसिया के जीवन में विश्वास
का साक्ष्य देने में काथलिक महिलाओं के योगदान को स्वीकार किया है। इस आशय का संदेश उन्होंने
वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने के माध्यम से वर्ल्ड यूनियन औफ काथलिक
वीमेन्स ओरगानाजेशन्स की सदस्यों को प्रेषित किया है। इस संगठन की महिलाएँ येरूसालेम
के पोंटिफिकल इंस्टीच्यूट नोत्र दाम में एकत्रित होकर अपने संगठन की स्थापना की 100 वीं
वर्षगाँठ का समारोह मना रही हैं। संत पापा ने अपने संदेश में कृतज्ञता प्रकट करते हुए
कहा है कि विश्व में जी रही और काम कर रही निष्ठावान काथलिक महिलाओं के साक्ष्य द्वारा
कलीसिया को अनेक वरदान मिले हैं, कलीसिया को अंदर से ही परिवर्तन ला रही हैं तथा काम
और वचन से सुसमाचार की उदघोषणा कर रही हैं। 100 वर्ष के इतिहास में वर्ल्ड यूनियन औफ
काथलिक वीमेन्स आरगानाईजेशन के सदस्यों ने स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर
पर कलीसिया के मिशन को पूरा करने के लिए बहुत योगदान दिया है तथा कलीसिया को स्त्रियोचित
पवित्रता के फलों से समृद्ध किया है। संत पापा ने संगठन पर पवित्र आत्मा के वरदानों की
कामना की है ताकि यह संगठन कलीसिया के जीवन और मिशन में, सार्वजनिक स्थलों तथा परिवारों
में महिलाओं के अद्वितीय योगदान को प्रोत्साहन देना जारी रखे। यह यूनियन लगभग 100
काथलिक महिला संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें 60 देशों से की लगभग 5 मिलियन महिलाएं
सक्रिय रूप से कार्यरत हैं और इन संगठनों को राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों की मान्यता
मिली है। इस संगठन को लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने विश्वासियों के सार्वजनिक
अंतरराष्ट्रीय एसोसियेशन के रूप में तैयार किया है। इस संगठन का लक्ष्य कलीसिया तथा समाज
में काथलिक महिलाओं की उपस्थिति, सहभागिता और सह-जिम्मेदारी की भावना का प्रसार करना
है ताकि उन्हें विश्व में मानव विकास और शांति के लिए काम करने तथा विश्वास प्रसार के
मिशन को पूरा करने में समर्थ बना सके।