रोमः नोबेल के चयन पर वाटिकन की जीवन समर्थक अकादमी के अध्यक्ष की व्यक्तिगत प्रतिक्रिया
वाटिकन की जीवन समर्थक अकादमी, 'पॉन्टिफ़िकल एकैडमी फ़ॉर लाइफ़' के प्रमुख, धर्माध्यक्ष
इग्नासियो करास्को दे पाओला ने चिकित्सा के लिये डॉ. रॉबर्ट एडवर्ड्स को नोबेल पुरस्कार
दिये जाने पर कहा है कि डॉ. एडवर्ड्स एक महान चिकित्सक और वैज्ञानिक हैं किन्तु यदि उनसे
मतदान करने को कहा जाता तो वे किसी और का चयन करते।
आई.वी.एफ़. यानि विट्रो
फ़र्टिलाइज़ेशन तकनीक विकसित करने वाले 85 वर्षीय ब्रिटिश चिकित्सक एवं वैज्ञानिक डॉ.
रॉबर्ट एडवर्ड्स को इस वर्ष चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की
गई है।
धर्माध्यक्ष करास्को दे पाओला ने कहा, "व्यक्तिगत तौर पर मैं अन्य अभ्यर्थियों
में से किसी एक को चुनता।" उन्होंने कहा, "डॉ. एडवर्डस् का चयन बिलकुल ग़लत नहीं है क्योंकि
वे एक सिद्धहस्त प्रोफेसर हैं तथा नोबेल का निर्णय भी ठीक है किन्तु पुरस्कार देते समय
फ़र्टिलिटी के इलाज में नैतिकता के सवालों को अनदेखा किया गया।
नोबेल पुरस्कार
के नए विजेता डॉ. रॉबर्ट एडवर्ड्स द्वारा विकसित आई.वी.एफ़. तकनीक से विश्व में, 1978
से अब तक, लगभग 40 लाख बच्चे पैदा किये जा चुके हैं।
धर्माध्यक्ष करास्को दे पाउला
का कहना है कि आई.वी.एफ. मानव प्रजनन के क्षेत्र में एक नया और महत्वपूर्ण अध्याय है
किन्तु इस प्रक्रिया में करोड़ों मानव भ्रूण नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बेहतरीन
स्थिति में भ्रूण को बच्चेदानी में स्थापित कर दिया जाता है तथापि अधिकांश मामलों में
वे या तो नष्ट कर दिए जाते हैं या फिर उनकी मौत हो जाती है।
धर्माध्यक्ष करास्को
दे पाओला ने यह स्पष्ट किया है कि नोबेल विजेता पर उनकी उक्त टिप्पणी व्यक्तिगत है।
नोबेल
पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली समिति ने कहा है कि डॉ. एडवर्ड्स की खोज ने सम्पूर्ण
विश्व में लोगों को शिशु पाने की ख़ुशी दी है। समिति ने कहा, "बांझपन से विश्व में लगभग
10 प्रतिशत दंपति प्रभावित होते हैं तथा डॉ. एडवर्ड्स की उपलब्धि ने उनके लिए इलाज को
संभव बनाया है।"
रॉबर्ट एडवर्ड ने निस्संतान लोगों की मदद के लिए 50 साल पहले
अपना शोध आरम्भ किया था। सन् 1978 में विश्व के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी ने जन्म लिया था।