2010-10-04 16:08:47

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ रविवार 3 अक्तूबर को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इटली के सिसली द्वीप स्थित पलेरमो शहर की प्रेरितिक भेंट की। उन्होंने पालेरमो शहर के फोरो इटालिको पार्क में आयोजित सार्वजनिक समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की जिसमें लगभग 30 हजार मसीही विश्वासियों ने भाग लिया। संत पापा ने समारोही ख्रीस्तयाग के अंत में देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

येसु ख्रीस्त के साथ गहन सामुदायिकता के भाव में, जो हमारे बीच उपस्थित हैं और हम में विद्यमान हैं, घरेलू कलीसिया के समान होना बहुत अच्छा है। उनकी और हमारी माँ, कुँवारी माता मरियम की ओर हम प्रार्थना के भाव में मुखातिब होते हैं। सिसली द्वीप मरियम तीर्थालयों से भरा पडा है और इसी जगह से, भक्ति के नेटवर्क के इस केन्द्र में मैं आध्यात्मिक भाव महसूस करता हूँ जो इस द्वीप के शहरों और गाँवों के साथ संयुक्त करता है।

मैं इस प्रिय भूमि में रहनेवाली सम्पूर्ण ईशप्रजा को कुँवारी माता मरिया की मध्यस्थता के सिपुर्द करना चाहता हूँ। वे परिवारों को प्रेम और शिक्षा के द्वारा समर्थन दें, बुलाहटों के बीज को फलप्रद बनायें जिसे ईश्वर युवाओं के दिल में जगाते हैं, परीक्षा और प्रलोभनों के समय युवाओं में साहस का संचार करें, कठिनाई के समय आशा का तथा सत्कार्यों को करने के लिए नवीकृत ऊर्जा का संचार करें। माता मरियम बीमारों और पीड़ा सह रहे लोगों को सांत्वना प्रदान करें। वे ईसाई समुदायों को सहायता करें ताकि कोई भी इंसान या जरूरतमंद व्यक्ति वंचित न हो लेकिन प्रत्येक जन, विशेष रूप से कमजोर और छोटे, हमेशा स्वीकार किये जाने और मूल्यवान होने का अनुभव पायें।

माता मरिया ख्रीस्तीय जीवन की आदर्श हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि पवित्रता के पथ पर ख्रीस्त का साक्ष्य देनेवाले अनेक उदाहरणों के पदचिह्नों पर, सिसली भूमि की संतान, माता मरियम की सहायता से आनन्दपूर्वक चलें। इसी संदर्भ में, आज मैं यह स्मरण करना चाहता हूँ कि पारमा में, अन्ना मरिया अदोरनी को धन्य घोषित किया गया जो उन्नीसवीं सदी में पत्नी, माँ तथा विधवा नारी थीं। उन्होंने कठिनाईयों में पडे लोगों के लिए परोपकार करने और जेलों में बंद महिलाओं की सहायता करने के लिए अपने आपको पूर्ण रूपेण समर्पित कर दिया। उन्होंने दो धर्मसमाजों की स्थापना की। मदर अदोरनी को उनकी सतत प्रार्थना के कारण जीवित रोजरी कहा जाता था। हम रोजरी माला प्रार्थना को समर्पित महीने के आरम्भ में हम मरिया की संगति में ख्रीस्त के रहस्यों पर प्रतिदिन मनन चिंतन करें। प्रार्थना में लीन माता मरियम हमें विश्वास आशा और परोपकार की भावना में मजबूत बनायें।
इतना कहकर संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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