संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें कास्तेल गोंदोल्फो स्थित ग्रीष्मअवकाश कालीन प्रेरितिक प्रासाद
में लगभग 3 माह व्यतीत करने के बाद 30 सितम्बर की संध्या पहर वाटिकन स्थित प्रेरितिक
प्रासाद लौट आये। उन्होंने बुधवार को दिये विदाई संदेश में ग्रीष्मकालीन प्रेरितिक प्रासाद
के स्टाफ और सेवाकर्मियों और उनके परिजनों को उनकी प्रार्थना और सहायता के लिए धन्यवाद
देते हुए कहा कि वे प्रतिदिन अपने मसीही विश्वास का साक्ष्य देना जारी रखें, विशेष रूप
से ईशवचन को विनम्रतापू्र्वक सुनें। हर ईसाई का आह्वान किया जाता है कि प्रभु द्वारा
हमें बताये गये सत्य के वचन को हम खुशी और सरल मनोभाव में स्वीकार करें तथा दैनिक जीवन
में जीयें।
संत पापा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक ईसाई, ईशवचन जो
हमें पवित्र धर्मशास्त्र में दिया गया है, इसके साथ निजी संवाद करे और इसके सम्पर्क में
जीवन जीये। इसे अतीत की बात कहकर न पढ़ा जाये लेकिन जीवित शब्द जो आज हमें कहे जा रहे
हैं। संत पापा ने ग्रीष्म अवकाश कालीन प्रेरितिक प्रासाद के सब सेवाकर्मियों को अपनी
सतत प्रार्थना का आश्वासन दिया ताकि वे और अधिक अच्छी तरह से ईश वचन को जानें और स्वीकार
करें, जो सब लोगों के लिए हर परिस्थिति में मसीही जीवन का स्रोत और संवेग देनेवाला है।
उन्होंने इस प्रसंग में माता मरियम से सीखने का परार्मश दिया क्योंकि वे ही पूर्ण आज्ञाकारी
ध्यान का आदर्श नमूना है।