नई दिल्ली, 27 सितंबर, 2010 (उकान) कोलकाता के पत्रकार पुरोहित सीएम पौल ने बताया कि
कलकत्ता की धन्य मदर तेरेसा की इच्छा थी कि वह बाबरी मसज़िद के लिये राष्ट्रीय सलाहकार
समिति को यह प्रस्ताव करे कि विवादित ध्वस्त जमीन को मिशनरीस ऑफ चरिटी को दे दी जाये
ताकि इससे ग़रीबों की सेवा हो सके। फादर सीएम पौल मदर तेरेसा की इस इच्छा का खुलासा
करते हुए बताया कि मदर तेरेसा ने इस संबंध में कलकत्ता के तत्कालीन धर्माध्यक्ष डॉ हेनरी
डीसूजा से यह प्रस्ताव किया था कि वे उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिह्मराव से
मुलाक़ात करा दे ताकि वे उनसे अपनी इच्छा से अवगत करा सकें। सीएम पौल ने अपने ब्लॉग
में इसके बारे में लिखते हुए कहा कि मदर तेरेसा चाहती थीं कि वे उस भूमि से जो खून और
आँसू से रंग चुकी है प्रेम और भाईचारा का संदेश के विस्तार का केन्द्र बनाये। पर धर्माध्यक्ष
ने मदर तेरेसा की माँग को " अनुचित " कह कर ठुकरा दिया था। विदित हो कि पूरा देश अयोध्या
की विवादित भूमि पर अदालत का फैसला सुनने का इंतज़ार कर रही है। सेवानिवृत धर्माध्यक्ष
हेनरी ने खेद भरे स्वर में कि उन्होंने मदर तेरेसा के प्रस्ताव पर को अनसुनी कर देश को
एक नया रूप देने का एक मौका गँवा दिया। फादर सीएम पौल का मानना है कि अभी भी देर
नहीं हुई है अगर दोनों पक्ष के लोग उस प्रस्ताव पर विचार करें तो अभी भी अयोध्या की भूमि
से ‘परस्पर प्रेम और सहानुभूति’ की भावना का विस्तार का मिशन आगे बढ़ सकता है।