मध्यप्रदेशः ख्रीस्तीय अस्पतालों का लाईसेन्स वापस लौटाया गया
मध्यप्रदेश सरकार ने 22 सितम्बर को दामोह ज़िले स्थित दो ख्रीस्तीय अस्पतालों के परमिट
वापस लौटा दिये। विगत वर्ष अधिकारियों ने यह कहकर कि इन अस्पतालों ने सरकारी नियमों का
पालन नहीं किया था उनके परमिटों को जब्त कर लिया था। उक्त मिशन अस्पतालों का संचालन
करनेवाले प्राटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय समुदाय के धर्माधिकारी पादरी आर.डी. लाल ने कहा, "अस्पतालों
के परमिट वापस पाकर हम प्रसन्न हैं।" इनमें से एक मिशन अस्पताल की स्थापना अमरीका
के एवेन्जेलिट प्रॉटेस्टेण्ट मिशनरियों ने 100 वर्षों पूर्व की थी जबकि दूसरा मिशन अस्पताल
आँखों का अस्पताल है जिसकी स्थापना प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय मिशनरियों ने 29 वर्ष पूर्व
की थी। सूत्रों के अनुसार विगत वर्ष ज़िला अधिकारियों ने अस्पतालों की अचानक भेंट
की तथा उनके परमिटों को जब्त कर लिया। अस्पताल के प्रबन्धकों का आरोप है कि बिना किसी
स्पष्टीकरण के उनके परमिट जब्त कर लिये गये तथा उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया
गया। पादरी लाल ने कहा कि अस्पतालों में निर्धनों की देखभाल की जाती है तथा अपनी
सेवा को जारी रखने के लिये वे खुश हैं। उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की कि हिन्दु चरमपंथी
दलों के प्रभाव में आकर ज़िला अधिकारियों ने ख्रीस्तीय अस्पतालों पर कार्रवाई की। हिन्दु
चरमपंथी ख्रीस्तीयों पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि अपने अस्पतालों, आश्रमों एवं शिक्षा
संस्थाओं में वे लोगों का धर्मातरण करते रहे हैं। भारत के काथलिकों एवं सभी ख्रीस्तीय
सम्प्रदायों ने इन आरोपों को निराधार बताया है।