मुम्बईः कार्डिनल ग्रेशियस ने अयोध्या में शांति हेतु प्रार्थना का आह्वान किया
मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति तथा भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल
ऑस्वल्ड ग्रेशियस ने अयोध्या में शांति हेतु प्रार्थना का आह्वान किया है। अयोध्या
में ध्वस्त बाबरी मस्जिद के इर्द गिर्द लगभग 1250 वर्ग मीटर ज़मीन किसकी संपत्ति है?
इस विवाद पर इलाहाबाद उच्च-न्यायलय अपना फैसला 24 सितम्बर को सुनायेगा। स्मरण रहे कि
संघ परिवार के नेतृत्व में हिन्दु चरमपंथियों ने सन् 1992 में अयोध्या की बाबरी मस्जिद
को ध्वस्त कर दिया था। अदालती फैसले की पृष्टभूमि में कार्डिनल ग्रेशियस ने देश
के सभी ख्रीस्तीयों से आग्रह किया है कि वे वार्ताओं और आपसी समझदारी को प्रोत्साहित
करने के लिये प्रार्थना करें। एशिया समाचार से बातचीत में कार्डिनल महोदय ने कहा,
"अयोध्या के मस्जिद पर फैसले को न्यायसंगत एवं सभी पक्षों को स्वीकार्य होना चाहिये ताकि
अन्तरधार्मिक मैत्री को बढ़ावा मिले।" उन्होंने कहा कि भारत की परम्परा बहुलवादी रही
है जिसे हर हालत में सुरक्षित रखा जाना चाहिये।" महाधर्माध्यक्ष ग्रेशियस ने कहा,
"भारत एक गहन आध्यात्मिक देश है जहाँ सभी धर्मों का सम्मान होता रहा है।" उन्होंने कहा
कि इस बात की गारंटी प्राप्त करना अनिवार्य है कि भारत केवल आर्थिक शक्तिसम्पन्न देश
नहीं है बल्कि आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्यों से समृद्ध देश के रूप में उसकी एक अलग पहचान
है। कार्डिनल महोदय ने कहा कि हालांकि कलीसिया इस प्रकरण में भागीदार नहीं है तथापि
समझदारी, सहिष्णुता एवं आपसी सम्मान के सेतु निर्माता की भूमिका निभाना वह अपना दायित्व
मानती है। उन्होंने कहा कि लोगों को हिंसा के परित्याग तथा भ्रातृत्व प्रेम हेतु प्रेरणा
प्रदान करना अनिवार्य है। अयोध्या विवाद भारत के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच
तनाव का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और देश की राजनीति को एक लंबे अरसे से प्रभावित करता
रहा है। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वह अदालत का फैसला मानेगा जबकि चरमपंथी हिन्दू दल,
विश्व हिंदू परिषद, के समर्थकों की दलील है कि यह उनकी धार्मिक आस्था का मामला है, जिसका
फैसला अदालत नहीं कर सकती। उनकी मांग है कि सरकार संसद में कानून बनाकर विवादित ज़मीन
उसे एक विशाल राम मंदिर बनाने के लिए दे दे।