2010-09-21 12:38:37

नई दिल्लीः मानव तस्करी की शिकार बनी उड़ीसा की किशोरियों को प्रस्तुत करने का आदेश


देहली के उच्च-न्यायालय ने पुलिस को एक नोटिस जारी कर उड़ीसा के कान्धामाल में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा और बाद में मानव तस्करी का शिकार बनी दो किशोरियों को न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
20 सितम्बर को अदालत ने देहली की पुलिस तथा कान्धामाल के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि 28 सितम्बर के पहले वे किशोरियों को उसके समक्ष प्रस्तुत करें।
अखिल भारतीय ख्रीस्तीय काऊन्सल की वैधिक सचिव लानसिंगलू रोंगमई ने बताया कि चार किशोरियों को कान्धामाल से देहली ले जाया गया था। एक घर वापस आ गई है तथा एक अन्य को मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं एवं पुलिस द्वारा नौ अगस्त को बचा लिया गया जबकि दो किशोरियाँ अभी भी लापता हैं।
इस बीच, अखिल भारतीय ख्रीस्तीय काऊन्सल के नेतृत्व में मानव तस्करी एवं धार्मिक स्वतंत्रता पर एक शिविर सम्पन्न हुआ जिसमें कलीसिया, नागर समाज, तथा मानवाधिकारों के पक्ष में कार्यरत लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अखिल भारतीय ख्रीस्तीय काऊन्सल के सचिव जॉन दयाल ने कहा, "विश्व में मादक पदार्थों की तस्करी के बाद मानव तस्करी ही संगठित अपराध का सर्वाधिक विशाल जाल है जिससे प्रतिवर्ष अपराधी संगठन 40 अरब अमरीकी डॉलर कमाते हैं।
भारत में प्रायः निर्धन दलितों एवं आदिवासियों को मानव तस्करी का शिकार बनाया जाता है।








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