कार्डिनल न्यूमन की धन्य घोषणा समारोह के अवसर पर संत पापा का प्रवचन
कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन की धन्य घोषणा के उपलक्ष्य में समारोही ख्रीस्तयाग के अवसर
पर अपने प्रवचन में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि आज का दिन अतिविशिष्ट दिन है।
आज रविवार है, प्रभु का दिन है। इस दिन सम्पूर्ण विश्व के ईसाई एक साथ जमा होकर ईश्वर
का महिमा गान करते तथा उनके महान कार्यों के लिए धन्यवाद देते हैं। आज का दिन ब्रिटिश
नागरिकों के जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन के युद्ध की 70 वीं वर्षगाँठ है जिसमें
अनेक लोगों ने नात्सी शासन की बुरी विचारधारा का साहसपूर्वक विरोध करते हुए अपने जीवन
को बलिदान कर दिया था। आज कार्डिनल न्यूमन को धन्य घोषित किया जाना विशेष दिन है। विश्वास
और तर्कणा के मध्य संबंध, नागर समाज में धर्म का महत्वपूर्ण स्थान तथा शिक्षा के लिए
व्यापक अभिगम की जरूरत संबंधी उनकी अंतदृष्टि न केवल विक्टोरिया युग के लिए बहुत महत्व
के थे लेकिन आज भी विश्व भर में लोगों को आलोकित कर प्रेरणा प्रदान करते हैं। धन्य
जोन हेनरी न्यूमन की विनम्रता और विद्वता, गहन मानवीय विवेक और ईश्वर के लिए गहरा प्यार
ने बहुत फल उत्पन्न किया जो ईश्वरीय प्रजा के दिल की गहराई में पवित्र आत्मा की उपस्थिति
का चिह्न है तथा पवित्रता के फल बहुतायत में उत्पन्न करता है। कार्डिनल न्यूमन का आदर्श
वाक्य दिल दिल से कहता है , यह शीर्ष वाक्य हमें ख्रीस्तीय जीवन के बारे में उनकी समझ
की अंतदृष्टि देता है जो पवित्रता के लिए आह्वान है, ईश्वर के साथ अंतरंग संबंध के लिए
मानव मन की गहनतम इच्छा का अनुभव है। संत पापा ने कहा कि वे हमें स्मरण कराते हैं
कि प्रार्थना के प्रति निष्ठा क्रमिक रूप से हमें दिव्यता के लिए रूपांतरित करती है।
उन्होंने पुरोहिताई प्रेरिताई के मानवीय दर्शन को गहन रूप से जीया तथा जिस ओराटरी की
उन्होंने स्थापना की इसमें रहते हुए उन्होंने बरमिंघम के लोगों की देखरेख किया। वे बीमारों
और गरीबों से मिलने गये, पीडि़तों को सांत्वना दिया तथा कैदियों से भेंट कर उनकी सहायता
किया। संत पापा ने कहा कि एक सौ बीस वर्ष बाद आत्माओं के इस प्रिय पिता की उल्लेखनीय
पवित्रता को कलीसिया द्वारा समारोही रूप से मान्यता प्रदान करने के अवसर पर आनन्द मनाने
के लिए महान विश्वासी समुदाय जमा हुआ है। यह उचित है कि हजारों लोग उनकी उल्लेखनीय पवित्रता
का समारोह मना रहे हैं। ख्रीस्ताग समारोह के दौरान विश्वासियों ने विभिन्न भाषाओं
में संत पापा, कलीसिया, देश ने प्रशासनाधिकारियों तथा लोगों की जरूरतो के लिए प्रार्थना
मनोरथ अर्पित किया। पंजाबी भाषा में भी एक प्रार्थना निवेदन पढ़ा गया।
संत पापा
ने समारोही ख्रीस्तयाग के अंत में रविवारीय परम्परा का पालन करते हुए देवदूत संदेश प्रार्थना
का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।