ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक संध्या वंदना प्रार्थना के समय संत पापा का प्रवचन
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने वेस्टमिनस्टर मठ के संत पेत्रुस प्रार्थनालय में 17 सितम्बर
को आयोजित ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक संध्या वंदना प्रार्थना के समय कहा कि इस भव्य प्रार्थनालय
में ग्रेट ब्रिटेन के विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मिलने के इस
अवसर के लिए वे ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। इस भव्य इमारत की स्थापत्यकला और इतिहास बहुत
ही स्पष्ट रूप से हमारे विश्वास के सामान्य विरासत का बखान करती है। यहाँ हम स्मरण करते
हैं कि ख्रीस्तीय विश्वास ने यूरोप की संस्कृति और एकता की रचना की तथा इंगलैंड वासियों
के मन और दिल को आलोकित किया। यहाँ हम यह भी स्मरण करते हैं कि हमारे बीच विभाजन लानेवाले
कारणों से कहीं अधिक महान है जिसे ख्रीस्त में हम सब पाते हैं।
संत पापा ने कहा
कि कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष और इस प्रार्थनालय के डीन के द्वारा उनके स्वागत में
कहे गये शब्दों के लिए वे धन्यवाद देते हैं। इंगलैंड के राजा एडर्वड, ख्रीस्तीय साक्षी
और सुसमाचार में प्रभु द्वारा बुलाये जानेवाले शिष्यों के सच्चे सौंदर्य का आदर्श हैं।
हम जानते हैं आधुनिक ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक अभियान की इस वर्ष 100 वीं वर्षगाँठ है।
इस अभियान का आरम्भ एडिनबर्ग सम्मेलन में ख्रीस्तीयों की एकता के लिए की गयी अपील से
हुआ था ताकि वर्तमान समय में सुसमाचार का प्रबल और निष्ठापूर्ण साक्ष्य दिया जा सके।
संत पापा ने कहा कि इस वर्षगाँठ पर हम विभिन्न मसीही समुदायों द्वारा एकता के
लिए किये गये प्रयासों और प्राप्त उपलब्धियों के लिए धन्यवाद दें तथा जागरूक रहें कि
बहुत कुछ किया जाना शेष है। परस्पर निर्भरता और सह्दयता वाले विश्व में हमारे सामने चुनौती
है कि ख्रीस्त में मिली मुक्ति और मेलमिलाप की सच्चाई का नवीन उत्साह से उदघोषणा करें
और समग्र मानव विकास की कुजी के रूप में सुसमाचार के सत्य को प्रस्तुत करें। ऐसे समाज
में जो बहुधा ख्रीस्तीय संदेशों के विरूद्ध उदासीन हो रहा है या यहाँ तक कि इसका विरोध
करता है। हमारे अंदर विद्यमान आशा का सानन्द और दृढ़तापूर्वक साक्ष्य देने की जरूरत वे
महसूस करते हैं।
संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय एकता के पथ पर मिली सफलताओ और
चुनौतियों, निराशा और आशा के प्रति जागरूक हैं। वे इन सबको ईश्वर को अर्पित करते हुए
उनकी कृपा और शक्ति पर भरोसा करते हैं। मित्रता, संवाद और आशा हमें ख्रीस्तीय एकता के
पथ पर अग्रसर होते रहने के लिए जरूरी ताकत और दिशा उपलब्ध कराते रहेंगे। वंदनीय संत बेदे
का उदाहरण इस देश के ईसाईयों को प्रेरणा प्रदान करता रहे ताकि वे साझा विरासत की पुर्नखोज
करते हुए मित्रता के पथ में बढ़ते रहें।