वेस्टमिन्सटर, 18 सितंबर, 2010 (सेदोक, वीआर) मेरे युवा साथियो, मैंने कार्डिनल न्युमैन
के शब्दों " हार्ट स्पीक्स अनटू हार्ट " अर्थात " ह्रदय का ह्रदय के साथ वार्ता " को
अपनी ब्रिटेन यात्रा का थीम या मूल विषय बनाया है। आपलोगों को अपना संदेश देते हुए
यह मैं कहना चाहता हूँ मैं ह्र्दय से बोल रहा हूँ आप इसे ह्रदय से सुनें। आज आप अपने
ह्रदय के अंदर झाँक कर देखें आप पायेंगे कि आपके ह्रदय में प्रेम भरा पड़ा है जिसे आपको
दूसरों को बाँटना है। हम इसलिये बुलाये गये हैं कि हम ईश्वर को जानें जो स्वयं प्रेम
है और इसी में अपनी परिपर्णता प्राप्त करें। हमें चाहिये कि हम ईश्वरीय प्रेम के लिये
उन्हें रोज धन्यवाद दें। हम उनके जीवन के लिये धन्यवाद दें जिन्होंने हमें अपना प्रेम
दिया है विशेषकर के हमारे माता-पिता शिक्षक-शिक्षिकायें, मित्र और हमारे प्रियजन।
हमारी सृष्टि इसलिये हुई है कि हम दूसरों को अपना प्यार दें। कई बार हम प्रेम से पूर्ण
हो जाते हैं और चाहते हैं कि इसे दुनिया को नया बनाने दूसरों को दें। कई बार ऐसा भी होता
है कि हम अपने स्वार्थ, ईर्ष्या और घमंड के कारण अपने प्रेम को दूसरों को नहीं बाँट पाते
हैं। कोलकाता की धन्य मदर तेरेसे ने हमें इस बात को सिखाया है कि दूसरों को अपना प्रेम
दिखाना हमारा दैनिक निर्णय का फल है। हमें चाहिये कि हम प्रत्येक दिन यह मनसूबा बाँधें
कि हम प्रेम करेंगे और प्रेम करने की मदद हमें येसु से ही प्राप्त हो सकती है जो पवित्र
संस्कारों में सदा हमारे लिये उपस्थित रहते हैं। आप सदा अपने ह्रदय में झाँक कर देखे
जहाँ येसु हमारा इंतज़ार करते हैं। आप उनकी आवाज़ को सुनें। वे हमें बुलाते हैं ताकि
हम उसकी प्रार्थना में आवाज़ सुनें। प्रार्थना करने के लिये एक अनुशासन की ज़रूरत होती
है। जब प्रार्थना में व्यक्ति शांत हो जाता है तब वह ईश्वर कई आवाज़ सुन पाता है। जब
हम शांत हो जाते हैं तब ईश्वर हमारे दिल में कुछ बोलते है ताकि हम अपने वास्तविक रूप
को पहचान सकें। और जब हम अपने वास्तविक रूप को पहचान पाते हैं तो हम अपने जीवन की बुलाहट
को पहचान लेते हैं। इसी के द्वारा हम कलीसिया के निर्माण और दुनिया की मुक्ति में अपना
योगदान दे पायेंगे। इतना कह कर संत पापा ने युवाओं को अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन
दिया और उन्हें, उनके परिवार के सदस्यों और मित्रों पर प्रभु की प्रज्ञा आनन्द, शांति
और कृपा का आशीर्वाद दिया।