विवादों के बीच सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यू.के. यात्रा आरम्भ, वाटिकन ने दिया स्पष्टीकरण
जर्मनी की फोकस पत्रिका को दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल वालटर कास्पेर
का वकतव्य प्रकाशित होने के उपरान्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यू.के. यात्रा एक
और विवाद से जुड़ गई है।
कुछ दिनों पूर्व कार्डिनल कास्पेर ने जर्मन पत्रिका
फोकस को दिये वकतव्य में कहा था, "आज इंगलैण्ड धर्म के प्रति उदासीन एवं बहुलवादी देश
है और यदि आप हीथ्रू हवाईअड्डे पर उतरे तो लगता है तीसरी दुनिया के किसी देश में आ गये
हैं।"
कार्डिनल कास्पेर के इस वकतव्य को लेकर समाचारों में बहुत अटकलें लगाई
गई जिसके प्रत्युत्तर में वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर लोमबारदी ने कहा है कि कार्डिनल
के वकतव्य को नकारात्मक ढंग से नहीं लिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि कार्डिनल कास्पेर
का अभिप्राय विभिन्न देशों से महानगर लन्दन में आ बसे मिश्रित एवं विविध संस्कृति के
लोगों से था।
समाचारों में यह भी अटकलें लगाई गई कि फोकस को दिये अपने बेहूदे
वकतव्य के कारण कार्डिनल कास्पेर ने अपनी यू.के. यात्रा रद्द कर दी थी। ग़ौरतलब है कि
पूर्वनियोजित कार्यक्रम के अनुसार कार्डिनल कास्पेर का सन्त पापा के साथ ब्रिटेन जाना
तय था।
कार्डिनल कास्पेर के यू.के. यात्रा में शामिल न होने का कारण बताते हुए
फादर लोमबारदी ने कहा कि विगत दो माहों से कार्डिनल महोदय की तबीयत ख़राब चल रही थी तथा
चिकित्सकों के परामर्श के बाद उन्होंने अपनी यू.के. यात्रा को रद्द कर दिया था।
विरोधों
के बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि विगत रविवार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को देवदूत
प्रार्थना के समय स्व. कार्डिनल न्यूमन के बारे में चर्चा करते देख यही प्रतीत हुआ कि
सन्त पापा इस यात्रा के लिये दृढ़संकल्प हैं तथा ब्रितानी लोगों में प्रभु ख्रीस्त के
प्रेम सन्देश की लौ प्रज्वलित करने को अति उत्सुक हैं।