किरकुक, 13 सितंबर, 2010 (एशियान्यूज़) फ्लोरिडा के पास्टर टेर्री जोन्स द्वारा घोषित
‘कुरान जलाओ योजना’ की काथलिकों द्वारा कड़ी आलोचना ने ईराक में ईसाइयों और मुसलमानों
को एक-दूसरे के करीब ले आया है।
उक्त बात की जानकारी देते हुए एशियान्यूज़ ने
बताया कि ईल-उल-फितर के दिन स्थानीय मौलवियों ने किरकुक के महाधर्माध्यक्ष लुईस साको
के शुभकामना संदेश को एकत्रित मुसलमान समुदाय को पढ़कर सुनाया। उधर महाधर्माध्यक्ष ने
भी ईद-उल- फितर के दिन स्थानीय मुसलमानों से व्यक्तिगत मुलाक़ात की और उन्हें पर्व की
शुभकामनायें दीं।
किरकुक के स्थानीय इमाम अहमद ने उपस्थित मुसलमानों को अपनी
प्रार्थना सभा में कहा कि हमारे ईसाई भाई-बहनों ने हमेशा ही हमारे साथ अपनी सहभागिता
और सहानुभूति दिखलायी है और ‘कुरान जलाओ योजना’ का विरोध करने की तत्परता द्वारा इस भावना
को सुदृढ़ किया है।
उधर एक और मुस्लिम धार्मिक नेता फोद अल रिफाई ने कहा कि अमेरिकी
पास्टर टेर्री जोन्स ईसाई नहीं है क्योंकि किरकुक के महाधर्माध्यक्ष के संदेश से हमें
मालूम हो गया है कि ईसाई कौन हैं। उन्होंने कहा कि वे महाधर्माध्यक्ष के भाईचारे के संदेश
के लिये उनकी सराहना और उनका सम्मान करते हैं।
दोनों सम्प्रदायों के प्रेमभाव
के आदान-प्रदान की स्थानीय मेयर और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी तारीफ़ की।
कई
मुसलमानों ने टीवी द्वारा प्रसारित वाटिकन के विचारों की भी सराहना की जिसमें ‘कुरान
जलाओ योजना’ का विरोध किया गया था। शेख इसमाएल अल हादिदा ने किरकुक के महागिरजाघर के
समक्ष एकत्रित मुसलमानों से कहा कि वे ईसाइयों की रक्षा करें।
इतना होने के बावजूद
कुछ ईसाइयों में इस बात को लेकर दहशत है कि यदि पास्टर ने अपना मन बदला और कुरान जलाने
को उतारु हुए तो किरकुक की स्थिति को कोई भी धार्मिक नेता संभाल नहीं पायेंगे।