न्यू यॉर्कः व्यापक भुखमरी और बढ़ती निर्धनता के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व में नित्य बढ़ती भुखमरी एवं निर्धनता के विरुद्ध सचेत कराया
है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने चेतावनी दी है कि सन् 2000 में सम्पन्न
सहस्राब्दि सम्मेलन में भुखमरी और निर्धनता को घटाने के जो लक्ष्य रखे गये थे उन्हें
हासिल करने के लिए आगामी पाँच वर्षों में लगभग सौ अरब अमरीकी डॉलरों की आवश्यकता पड़ेगी।
ग़ौरतलब है कि भुखमरी और निर्धनता निवारण के तरीक़ों पर विचार हेतु विश्व के सौ से
अधिक नेता आगामी सप्ताह संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा
लेंगे। सन् 2000 के सहस्राब्दि सम्मेलन में निर्धनता एवं भुखमरी को पचास प्रतिशत
तक घटाना, शिशु मृत्यु दर को कम करना और प्राथमिक शिक्षा को प्रोत्साहन देना सम्मिलित
था। श्री बान की मून ने उक्त सम्मेलन से पूर्व प्रकाशित किया कि संयुक्त राष्ट्र
संघ के 192 सदस्य देशों ने मिलकर एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है जिसे आगामी सप्ताह के
सम्मेलन में पेश किया जायेगा। बान की मून ने चिन्ता व्यक्त की कि अभी भी बहुत से
देश, विशेष रूप से अफ्रीकी देश, उक्त लक्ष्यों की प्राप्ति से बहुत दूर हैं। उन्होंने
कहा कि सहस्राब्दि लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विगत दस वर्षों में अधिक प्रयास नहीं किये
गये तथा अब विश्व पर मंडरा रहे आर्थिक संकट की वजह से इन लक्ष्यों को प्राप्त करना और
अधिक मुश्किल हो गया है। "एक्शन एड" नामक अंतरराष्ट्रीय लोकोपकारी एजेंसी की एक रिपोर्ट
में कहा गया कि भुखमरी की वास्तविक समस्या का कारण खाद्यान्न की कमी नहीं है बल्कि राजनैतिक
संकल्प की कमी है क्योंकि भुखमरी से निपटने के लिए ग़रीब देशों में हर साल 450 अरब डॉलर
ख़र्च किये जा रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए आवश्यक
धनराशि से कहीं अधिक है।