नई दिल्लीः अल्पसंख्यक आयोग की उड़ीसा यात्रा किन्तु ख्रीस्तीय नेताओं में आशंका
भारत में, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एच.टी. सांगलियाना उड़ीसा का दौरा
शुरु करनेवाले हैं। केन्द्रीय सरकार ने उन्हें विगत दो वर्षों से ख्रीस्तीयों पर हिन्दु
चरमपंथियों द्वारा किये गये हमलों की रिपोर्ट तैयार करने का कार्य सौंपा है। ख्रीस्तीय
नेताओं को आशंका है कि उड़ीसा सरकार सत्य को छिपाने का प्रयास करेगी तथा आयोग को उन स्थलों
एवं गाँवों में जाने से रोकेगी जहाँ सबसे अधिक उत्पीड़न, हिंसा और विनाश किया गया है। 14
से 16 सितम्बर तक सांगलियाना कन्धामाल ज़िले का दौरा करेंगे। सोमवार को श्री सांगलियाना
ने कटक भूबनेश्वर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष राफायल चीन्न्त से मुलाकात की जिन्होंने अधिकारियों
द्वारा सत्य पर पर्दा डाले जाने की आशंका व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उड़ीसा सरकार
कन्धामाल का गुलाबी चित्र प्रदर्शित कर रही है जबकि वास्तविकता तो यही है कि यहाँ के
ख्रीस्तीय अभी भी पीड़ित हैं। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग को बिना
किसी दखल के स्वयं स्थिति का जायज़ा लेना चाहिये तब ही सत्य का पता लगाया जा सकेगा तथा
निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। कटक भूबनेश्वर के फादर अजय कुमार सिंह ने कुछ
दिन पहले एशिया समाचार से कहा था कि उड़ीसा के अधिकारियों ने आयोग के दौरे की योजना बनाई
है जिसमें उन गाँवों को शामिल नहीं किया गया है जहाँ भयानक हिंसा हुई थी तथा भारी तबाही
मचाई गई थी। ग़ौरतलब है कि 2007 और 2008 के दरम्यान हिन्दु चरमपंथियों ने 93
वें ख्रीस्तीयों की हत्या की थी। सन् 2008 के अगस्त माह में एक हिन्दू नेता की हत्या
का आरोप ख्रीस्तीयों पर मढ़कर उन्होंने लगभग साढ़े छ- हज़ार घरों, 350 गिरजाघरों एवं
45 स्कूलों को आग के हवाले कर दिया था। हिंसा के कारण पचास हज़ार से अधिक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी
बेघर एवं शरणार्थी हो गये हैं।