2010-09-13 17:43:58

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 12 सितम्बर को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कास्तेल गोंदोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के प्रांगण में देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
इस रविवार के सुसमाचार पाठ में, संत लुकस रचित सुसमाचार के 15 वें अध्याय में येसु दया के तीन दृष्टान्त बताते हैं। जब वे भले गड़ेरिया के बारे में कहते हैं जो खोई हुई भेड़ की खोज में जाता है, महिला जो खो गये सिक्के की खोज करती है और पिता जो अपने उड़ाऊ पुत्र से मिलने जाता और उसका आलिंगन करता है, ये केवल शब्द मात्र नहीं हैं। ये ईश्वर की प्रकृति और उनके कार्य करने की व्याख्या हैं।
वस्तुतः गड़ेरिया जो अपनी खोयी हुई भेड़ को पा लेता है वह स्वयं प्रभु हैं जो क्रूस के द्वारा पापी मानवजाति को अपने ऊपर ले लेते हैं और उसे मुक्त करते हैं। उड़ाऊ पुत्र, तीसरे दृष्टान्त में युवा व्यक्ति है जो अपने पिता से सम्पति पाकर सुदूर प्रदेश चला जाता है और अपने धन को भोग विलास में खर्च कर दयनीय जीवन जीता है।
गरीब हो जाने पर वह दास के समान काम करने के लिए विवश होता है यहाँ तक कि वह जानवर का भोजन खाकर जीवित रहता है। तब, सुसमाचार कहता है कि उसे होश आता है। वह घर वापस आने के लिए जो बात कहने की तैयारी करता है यह उसकी आंतरिक तीर्थयात्रा की पूर्ण स्थिति को दिखाता है- वह घर, अपने पास और अपने पिता के पास लौटता है। मैं उठकर अपने पिता के पास जाऊँगा और उन से कहूँगा- पिता जी, मैंने स्वर्ग के विरूद्ध और आपके प्रति पाप किया है। मैं आपका पुत्र कहलाने योग्य नहीं रहा। मुझे अपने मजदूरों में से एक जैसा रख लीजिए।
संत अगुस्तीन लिखते हैं- यह शब्द (प्रभु) ही है जो तुम्हें लौटने के लिए बुलाता है, शान्त मौन का स्थल जहाँ प्रेम परित्यक्त होने को नहीं जानता है। वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और दया से द्रवित हो उठे। उन्होंने दौड़ कर उसे गले लगाया और उसका चुम्बन किया। उन्होंने आनन्द से भरकर भोज का आयोजन किया।
प्रिय मित्रो, हम कैसे अपने दिल को नहीं खोलें उस सुनिश्चितता के लिए, यद्यपि हम पापी हैं तथापि ईश्वर के द्वारा प्रेम किये गये हैं। वे हमसे मिलने आने के लिए कदापि नहीं थकते हैं। जो मार्ग हमें उनसे अलग करता है उसे दूर करने के लिए वे पहला कदम उठाते हैं। निर्गमन ग्रंथ हमें दिखाता है कि मूसा कैसे दृढ़मत और सबल आग्रह द्वारा ईश्वर को भी बदलने में सफल रहा। कहा जा सकता है न्याय के सिंहासन से दया के सिंहासन तक ले गये। विश्वास की कसौटी पश्चाताप है और इसके द्वारा एक व्यक्ति सत्य के पास लौटता है। संत पौलुस लिखते हैं- मुझ पर दया की गयी है क्योंकि अविश्वास के कारण मैं यह नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ।
ऊड़ाऊ पुत्र के दृष्टान्त पर लौटते हुए, उड़ाऊ पुत्र जो घर लौटता है, हम देखते हैं कि जब बड़ा भाई कुद्ध है कि छोटे भाई के लौटने पर खुशी का माहौल है, यह पिता हैं जो हमेशा उससे मिलने जाता है और कहता है- बेटा, तुम तो सदा मेरे साथ रहते हो और जो कुछ मेरा है वह तुम्हारा है। केवल विश्वास ही अहम को खुशी में बदल सकता है तथा अपने पडो़सियों और ईश्वर के साथ सही संबंध की पुनः स्थापना करा सकता हैं। पिता कहते हैं- आनन्द मनाना और उल्लसित होना उचित ही था क्योंकि तुम्हारा यह भाई खो गया था और फिर मिल गया है।
प्रिय भाईयो, गुरूवार को मैं यूनाईटेड किंगडम की यात्रा कर रहा हूँ जहाँ मैं कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन को धन्य घोषित करूँगा। मैं आप में से हर एक जन से आग्रह करता हूँ कि प्रार्थना के द्वारा मेरे साथ मेरी प्रेरितिक यात्रा में साथ साथ रहें। कुँवारी मरियम जिनके पवित्र नाम का आज कलीसिया पर्व मना रही है ईश्वर की ओर हमारे मनफिराव के पथ को मैं उनके सिपुर्द करता हूं।
इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।







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