2010-09-09 17:25:26


मानवाधिकारों के लिए स्थानीय नहीं सार्वभौमिक बुनियाद की जरूरत


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 8 सितम्बर को बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अंत में कौंसिल औफ यूरोप की संसदीय सभा के ब्यूरो के 38 सदस्यों के साथ मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि देशों को हिंसा, धार्मिक असहिष्णुता और मानवीय मर्यादा के हनन से उत्पन्न होनेवाली समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना करना है तो सार्वभौमिक अधिकारों की नींव तार्किक और वस्तुनिष्ठ बुनियाद पर हों। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि संस्कृतियों के मध्य कैसे फलप्रद संवाद हो सकता है जब सामान्य मूल्यों, अधिकारों और स्थायी सार्वभौमिक सिद्धान्तों को यूरोपीय समिति के सदस्य राष्ट्रों द्वारा एक ही प्रकार से नहीं समझा जाये।

संत पापा ने स्मरण किया कि सन 2010 में मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन की 60 वी वर्षगाँठ है जिसमें सदस्य राष्ट्रों ने मानवीय मर्यादा की रक्षा और प्रसार करने का संकल्प किया। यूरोपीय संसदीय समिति द्वारा चरमपंथ, मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति तथा मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से जुडी समस्याओं का जवाब देने के लिए हाल में किये गये कार्यों एवं युद्ध पीडि़तों की सहायता करने के प्रयास, धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा, धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का सामना करने के लिए किये गये कार्यों का संत पापा ने स्मरण किया । उन्होंने कहा कि बहुसांस्कृतिक विश्व में कौसिल ओफ यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय निकाय असरकारी होंगे जब वे मानवाधिकारों की सार्वभौमिक वैधता, अहरणीय, अल्लंघनीयता और अविभाज्यता पर जोर देते हैं। उन्होंने सांसदों से सापेक्षवाद से दूर रहते हुए जीवन, विवाह तथा धार्मिक और शैक्षणिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का आग्रह किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.