बच्चों,विशेष रूप से प्रवासी और शरणार्थी बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने की अपील
बोलिविया में कच्चाबाम्बा के महाधर्माध्यक्ष टीटो सोलारी ने बच्चों के अधिकारों, विशेष
रूप से प्रवासियों और शरणार्थियों के बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बोलिविया
के नागरिकों का आह्वान किया है ताकि उनकी मानव मर्यादा सुनिश्चित की जा सके। महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि इस वर्ष संत पापा ने प्रवासियों और शरणार्थियों के विश्व दिवस संदेश के शीर्षक
के लिए नाबालिग प्रवासियों और शरणार्थियों को चुना है। उन्होंने युवाओं पर जोर दिया है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हमारे मध्य रहनेवाले नाबालिग प्रवासियों और शरणार्थियों
के बारे में सोच विचार करने में हम कैसे विफल रह सकते हैं। बच्चों का अधिकार है कि उनका
नाम हो, उनकी अस्मिता हो, वे अपने अभिभावकों के बारे में जानें, उनके साथ रहें, उनकी
राष्ट्रीय पहचान हो तथा वे परिवार में बढ़ें जहाँ खुशी, प्यार और समझदारी का माहौल हो।
उन्होंने कहा कि परिवार वह विशिष्ट वातावरण है जहाँ हर व्यक्ति पाना और देना सीखता है।
इसी कारण से अभिभावक निरंतर काम करें कि वे अपने बच्चों को सिखा सकें। उन्होंने कहा कि
कभी कभी यह काम बहुत मुश्किल है लेकिन बच्चों को नैतिक और धार्मिक मूल्यों को सिखाने
में लापरवाही नहीं करें। महाधर्माध्यक्ष सोलारी ने कहा कि कुछ वर्षों बाद आज के बच्चे
पारिवारिक जीवन और समाज के नेता होंगे तथा वे अपने और अपने बच्चों की देखरेख करेंगे।