2010-09-07 12:03:47

न्यू यॉर्कः यूनीसेफ एवं सेव द चिल्ड्रन के अनुसार सहस्राब्दि लक्ष्य बहुत दूर


अंतरराष्ट्रीय कल्याणकारी संस्था सेव द चिल्ड्रेन तथा संयुक्त राष्ट्र संघीय आपात कोष यूनीसेफ द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार यदि विश्व की सरकारें निर्धन परिवारों पर ध्यान दें तो पाँच वर्ष की आयु से कम उम्र के लाखों बच्चों की जानें बचाई जा सकती हैं।
ग़ौरतलब है कि आगामी माह के अन्त में सम्पूर्ण विश्व के नेता सहस्राब्दि लक्ष्यों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में एकत्र होनेवाले हैं। इसी की पृष्टभूमि में यूनीसेफ और सेव द चिल्ड्रेन ने अपनी रिपोर्टें प्रकाशित की।
सहस्राब्दि लक्ष्यों के अनुसार 2015 तक निर्धनता को पचास प्रतिशत तक घटाना तथा शिशु मृत्यु दर को दो तिहाई कम करना था लेकिन ये लक्ष्य पूरे होते दिखाई नहीं दे रहे हैं।
रिपोर्टों में आरोप लगाया गया कि जिस तरह से सरकार ने धनवानों के बच्चों की रक्षा के प्रयास किये हैं वैसे प्रयास निर्धनों के लिये नहीं किये गये।
सेव द चिल्ड्रेन के अनुसार विगत दस वर्षों में कम से कम चालीस लाख ऐसे बच्चों की मौत हुई है जिन्हें मरने से बचाया जा सकता था। सेव द चिल्ड्रेन की प्रमुख जैस्मीन वाइटब्रेड कहती हैं कि प्रतिवर्ष पाँच साल से कम उम्र के 90 लाख बच्चों की मृत्यु उन रोगों के कारण हो जाया करती है जिनका आसानी से उपचार किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रायः विकासशील देशों में सरकारें मध्यम आय वाले परिवारों की मदद करती है किन्तु निर्धन परिवारों को सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाता है।
इस बीच, यूनीसेफ की रिपोर्ट में कहा गया कि विकासशील देशों में निर्धन बच्चों के मरने की संभावना धनवान बच्चों की तुलना में दुगुनी होती है।












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