वाटिकन ने ईरान की साकिनेह के प्रकरण पर गहन चिन्ता जताकर कहा है कि वह इस प्रकरण पर
ध्यान दे रहा है। रविवार को वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने पत्रकारों
के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सामान्य तौर पर काथलिक कलीसिया प्राणदण्ड का सख़्त
विरोध करती है इसलिये पत्थर प्रहार से मृत्यु दण्ड को वह बहुत ही क्रूर एवं बर्बर कृत्य
मानती है। ग़ौरतलब है कि ईरान में, साकिनेह मोहमदी आश्तियानी को सन् 2006 में व्याभिचार
का दोषी पाया गया था। बताया जाता है कि ईरानी अधिकारियों ने साकिनेह को पत्थरों से मार
डालने का दण्ड सुनाया है। व्याभिचार के अपराध के लिये पहले ही साकिनेह को दो अवसरों पर
99 कोड़े लगाये जा चुके हैं। सम्पूर्ण विश्व के मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने साकिनेह
को माफ़ कर देने की ईरानी सरकार से अपील की है। इस सप्ताह समाचार पत्रों में प्रकाशित
किया गया था कि साकिनेह के बड़े बेटे सज्जाद ने अपनी माँ को बचाने के लिये सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें तथा इटली के प्रधान मंत्रि सिलवियो बेरलूसकोनी से याचना की है। इसी
के प्रत्युत्तर में फादर लोमबारदी ने रविवार को इताली टेलेविजन पर दिये एक वकतव्य में
इस बात पर ज़ोर दिया कि वाटिकन प्राणदण्ड के बिलकुल विरुद्ध है तथा पत्थर प्रहार से मौत
क्रूर एवं बर्बर कृत्य है। उन्होंने बताया कि सन्त पापा के पास अब तक कोई अपील नहीं पहुँची
है तथापि जब विश्व के किसी भी कोने से इस प्रकार की अपील की जाती है तब परमधर्मपीठ सार्वजनिक
रूप से नहीं अपितु कूटनैतिक रास्तों से समस्या के समाधान का प्रयास करती है। इस बीच,
इटली के विदेश मंत्रि फ्राँको फ्रातीनी ने आन्सा समाचार से कहा, "इटली ईरानी सरकार का
सम्मान करती है तथा किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है तथापि ईरान की तरफ से
क्षमा और दया के उस कृत्य की वह अपेक्षा करती है जो साकिनेह की प्राण रक्षा कर सके।"
इटली एवं ईरान के बीच मज़बूत आर्थिक सम्बन्ध हैं।