2010-09-06 16:31:23

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 5 सितम्बर को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कास्तेल गोंदोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के प्रांगण में देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
सर्वप्रथम मैं विलम्ब होने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। मैं कुछ ही समय पहले कारपीनेतो रोमानो से लौटा हूँ जहाँ 200 साल पहले ,संत पापा लेओ तेरहवें, भिचेन्सो जियोकिनों पेच्ची जन्मे थे। मैं ईश्वर के प्रति धन्यवादी हूँ कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैंने कारपीनेतो रोमानो के नागरिकों के मध्य ख्रीस्तयाग समारोह अर्पित किया। अब मैं 26 वें विश्व युवा दिवस समारोह जो एक साल से कम समय के अंदर ही मैड्रिड में सम्पन्न होगा इसके लिए प्रकाशित संदेश पर संक्षेप में चर्चा करना चाहता हूँ।
मैंने जो शीर्षवाक्य इस संदेश के लिए चुना है वह कलोसियों के नाम प्रेरित संत पौलुस के पत्र से लिया गया है- ईसा मसीह में आपकी जड़े गहरी हों और नींव सुदृढ़ हो, आप विश्वास में दृढ़ बने रहें "।यह वास्तव में संस्कृति प्रतिकूल प्रस्ताव है। वस्तुतः कौन आज युवाओं को ऐसा प्रस्ताव देता है जिसकी जड़े गहरी हों, वे दृढ़ बने रहें। इसके बदले में अनिश्चितता, गतिशीलता, मूल्यवान होना इनका गुण गाया जाता है। ये सब पहलू ऐसी संस्कृति को प्रतिबिम्बित करते हैं जो व्यक्ति के जीवन की दिशा की उन्मुखता और संचालन को दिशा देनेवाले बुनियादी मूल्यों, सिद्धान्तों के संदर्भ में अनिर्णीत है।

वास्तव में, मैं अपने अनुभवों तथा युवाओं के साथ होनेवाले सम्पर्कों के द्वारा जानता हूं कि हर पीढ़ी वस्तुतः, हर व्यक्ति का आह्वान किया जाता है कि वह जीवन के अर्थ की खोज करने वाले पथ का अनुसरण करे और विशिष्ट रूप से इसी आधार पर मैंने बाइबिल शैली का अनुसरण करते हुए, इस संदेश का पुनःप्रस्ताव करना चाहा है, जो पेड़ और घर की छवि को सामने लाता है। युवा वास्तव में ऐसे वृक्ष के समान है जो बढ़ रहा है। इसका अच्छी तरह विकास होने के लिए इसे गहरे जड़ की जरूरत है। जब तेज हवाओं के साथ तूफान आता है तो गहरी जडें उसे जमीन में गहराई से जुड़े रखती हैं। इसी प्रकार, निर्माणाधीन मकान की छवि भी सुदृढ़, मजबूत नींव का स्मरण कराती है ताकि मकान मजबूत और सुरक्षित हो।



यहाँ संदेश का मूल इस अभिव्यक्ति में निहित है " येसु ख्रीस्त में " और " विश्वास में "। व्यक्ति की पूर्ण परिपक्वता उसका आंतरिक स्थायित्व का आधार ईश्वर के साथ संबंध है। ऐसा संबंध जो येसु ख्रीस्त के साथ साक्षात्कार से होकर जाता है। गहन आस्था का संबंध, येसु के साथ सच्ची मित्रता जो युवा व्यक्ति को वह सब देने में सक्षम है जिसकी जरूरत जीवन का अच्छी तरह सामना करने के लिए है। शांति और आंतरिक प्रकाश, सकारात्मक सोच की क्षमता, दूसरों के प्रति आत्मा की उदारता, भलाई, न्याय और सत्य के लिए स्वयं को देने की उपलब्धता। एक अंतिम महत्वपूर्ण पहलू है- विश्वासी बनना, युवाओं को कलीसिया के विश्वास से समर्थन मिलना, कोई भी व्यक्ति द्वीप के समान नहीं है, ईसाई विश्वासी कलीसिया में विश्वास के सौंदर्य की पुर्नखोज करते हैं और इसका साक्ष्य भ्रातृभावना में तथा उदारता की सेवा में अन्यों को देते हैं।

युवाओं के लिए मेरे इस संदेश पर 6 अगस्त प्रभु येसु के रूपान्तरण पर्व की तिथि अंकित है। मेरी कामना है कि ख्रीस्त के मुखमंडल का प्रकाश हर युवा के दिल में चमके तथा समुदायों और युवाओं के समूहों को मैड्रिड में 2011 में सम्पन्न होनेवाली महान बैठक के लिए कुँवारी माता मरियम का संरक्षण प्राप्त हो।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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