केरलः हाथ काट दिये जाने के महीनों बाद प्रोफेसर की नौकरी गई
केरल में काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित न्यूमन कॉलेज के मैनेजमेन्ट ने शनिवार को, इस्लाम
धर्म का अपमान करने के लिये, प्रॉफेसर टी.जे. जोसफ को कॉलेज से निकाल दिया है। कॉलेज
के मैनेजर फादर थॉमस मालेकुडी ने कहा कि मलयालम भाषा के वरिष्ठ प्रॉफेसर टी.जे.जोसफ को
कॉलेज में हुई आन्तरिक जाँचपड़ताल के बाद निकाल दिया गया है। एक मुसलिम संगठन के
कुछ कार्यकर्त्ताओं ने, एक प्रश्न पत्र में इस्लाम धर्म का अपमान करने के लिये, जुलाई
चार को प्रॉफेसर जोसफ के हाथ काट डाले थे। मार्च माह में प्रश्न पत्र के प्रकाशन
के तुरन्त बाद कॉलेज ने प्रॉफेसर को ससपेन्ड कर दिया था। इण्डियन एक्सप्रेस समाचार
पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार फादर मालेकुडी ने कहा, "मैनेजमेन्ट उन्हें बरख़्वास्त
करने के लिये बाध्य हुई क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म का अपमान करनेवाले प्रश्न पत्र
को वापस नहीं लिया"। उन्होंने कहा, "अब यह मुसलमान समुदाय पर निर्भर करता है कि वह
उन्हें माफ़ करता है अथवा नहीं। यदि मुसलमान समुदाय उन्हें माफ़ कर देता है तो उन्हें
पुनः कॉलेज में बतौर प्राध्यापक लेने के बारे में सोचा जा सकता है।" फादर ने कहा कि प्रॉफेसर
जोसफ अदालत तक अपनी शिकायत ले जाने के लिये स्वतंत्र हैं। कॉलेज मैनेजमेन्ट के निर्णय
पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए प्रॉफेसर जोसफ ने कहा कि जुलाई माह के आक्रमण में उनपर
चौबीस वार किये गये थे किन्तु मैनेजमेन्ट का निर्णय उनके हृदय में छुरा भोंकने जैसा है।
शिक्षा मंत्री एम.ए. बेबी सहित कुछेक राजनीतिज्ञों एवं सामाजिक नेताओं ने कॉलेज के
निर्णय को अतिश्योक्तिपूर्ण निरूपित किया है। केरल में सिरोमलाबार कलीसिया के प्रवक्ता
फादर पौल थेलाकट भी उक्त निर्णय से सहमत नहीं है उनका कहना है कि प्रॉफेसर के विरुद्ध
की गई कार्रवाई उनके कृत्य के अनुपात में सही नहीं है।