रोम, 4 सितंबर, 2010 (ज़ेनित) लीबिया के चीफ ऑफ स्टेट के इस वक्तव्य का कि यूरोप को इस्लाम
धर्म स्वीकार कर लेना चाहिये का लोगों में कोई ख़ास असर नहीं पड़ा पर अफ्रीकी प्रवासियों
को रोकने के लिये अरबों रुपयों की उनकी माँग से लोग आश्चर्य चकित हैं। लीबिया के चीफ
ऑफ स्टेट मुआम्मार-अल-गद्दाफी के धर्म-संबंधी बयान पर टिप्पणी करते हुए एशियान्यूज़ के
संस्थापक फादर पियेरो घेद्दो ने कहा है कि अगर यूरोप के लोग अपने बूनियादी ईसाई मूल्यों
को भूल जायेंगे तो निश्चय ही यूरोपवासी इस्लाम धर्म स्वीकार कर सकते हैं। एशियान्यूज़
के अनुसार यह एक सच्चाई है कि धार्मिक रूप से यूरोप में एक खालीपन आ गया है जिसे दूसरी
धार्मिक ताकतों को लाभ हो सकता है। एशियान्यूज़ के संस्थापक और विदेश मिशन के लिये
बनी परमधर्मपीठीय संस्थान के फादर पियेरो ने कहा कि इस्लाम से उठ रहे चुनौतियों के जबाब
में इताली धर्माध्यक्षीय समिति का समाचार पत्र अवेनीरे ने सिर्फ गंभीरतापूर्वक लिया है।
उनका मानना है कि अगर इसलाम से उठ रही चुनौतियों का सामना समय पर नहीं किया गया तो
यूरोप इस्लाम के प्रभाव से नहीं बच सकता है। सुसमाचार प्रचार के लिये बनी वाटिकन
काँग्रेगेशन के सचिव महाधर्माध्यक्ष रोबर्ट साराह ने लीबियाई नेता के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया
व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बातें ‘भड़काऊ’ हैं और यह इस बात की ओर इंगित करता है कि
उनमें इटली के प्रति सम्मान का अभाव है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात को भी
अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि जनसंख्या के आधार पर इटली की आबादी में प्रत्येक वर्ष
1 लाख 20 हज़ार की दर से कम हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इटली में प्रत्येक
वर्ष करीब 2 लाख लोग अवैध रूप से रहा करते है इनमें से अधिकतर लोग मुसलमान हैं। उन्होंने
कहा कि समाचारपत्र और टेलेविज़न इन सबके बारे में कभी कोई चर्चा नहीं करते हैं। उन्होंने
कहा कि चर्च को इस चुनौती को गंभीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है। अगर ईसाइयत की रक्षा
करनी है तो ईसाइयों ख्रीस्तीय जीवन वफ़ादारी से जीना होगा और इसके रीति-रिवाजों को पूरा
करना होगा तब ही समस्या का समाधान संभव हो पायेगा।