आने वाली पीढ़ी के लिये पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य
कास्तेल गंदोल्फो, 30 अगस्त, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि
हमारा एक विशेष कर्त्तव्य है कि हम आने वाली पीढ़ी के लिये एक ऐसी विरासत छोड़ जायें
ताकि वे इसमें अपना जीवन चैन से बिता सकें। संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं
जब उन्होंने अपने ग्रीष्मकालीन प्रासाद कास्तेल गंदोल्फो में आयोजित परंपरागत रविवारीय
देवदूत प्रार्थना के समय इताली भाषी तीर्थयात्रियों को संबोधित किया। विदित हो कि इताली
धर्माध्यक्षीय समिति ने 1 सितंबर को ने ‘प्रकृति रक्षा दिवस’ के रूप में घोषित किया है।
ऑर्थोडोक्स कलीसिया भी इसी दिन को ‘पर्यावरण की रक्षा दिवस’ के रूप में मनाती है।
संत पापा ने कहा कि प्रकृति का सम्मान किये बिना हम शांति की परिकल्पना नहीं कर सकते
हैं। आज ज़रूरत इस बात की है कि हम इस धरती को इस तरह सुरक्षित रखें कि आने वाली
पीढ़ी के लोग भी अपना गुजर-बसर आराम से कर सकें और वे भी प्रकृति का सम्मान करना सीखें।
उन्होंने कहा कि ईश्वर प्रत्येक जन को इस कार्य में मदद दे। प्रकृति दिवस को उचित
तरीके मनाने के लिये ऑर्थोडोक्स कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष बार्थोलोमी प्रथम ने वाटिकन
समाचारपत्र ‘लोसेरभातोरे रोमानो’ के माध्यम से कहा कि यह प्रत्येक मानव का परम कर्त्तव्य
है कि वे पर्यावरण की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय मिशन कार्य और सुरक्षा
और मानव के सौहार्दपूर्ण जीवन का सीधा संबंध है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे
यह प्रयास करें कि पर्यावरण से कम-से-कम संकट पैदा हो ताकि इससे होने वाले दुष्परिणामों
से दुनिया को बचाया जा सके।